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इंडियन रोड कांग्रेस का 81वां अधिवेशन कल से लखनऊ में, देश-विदेश के 1500 से अधिक डेलीगेट्स लेंगे हिस्सा

Indian Road Congress उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार से इंडियन रोड कांग्रेस का पांचवां अधिवेशन शुरू होने जा रहा है। प्रथम अधिवेशन दिसंबर 1934 में दिल्ली में हुआ था। वर्ष 1937 1985 1995 व 2011 में यूपी इसकी मेजबानी कर चुका है।

By Jagran NewsEdited By: Umesh TiwariUpdated: Fri, 07 Oct 2022 05:43 PM (IST)
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Indian Road Congress: 11 साल बाद यूपी को मिली मेजबानी, इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में होगा आयोजन
UP News: लखनऊ, जेएनएन। इंडियन रोड कांग्रेस (Indian Road Congress) का 81वां अधिवेशन 8 से 11 अक्टूबर तक लखमऊ में होगा। यूपी की मेजबानी में 11 साल बाद होने वाले आयोजन में देश-विदेश के 1500 से अधिक डेलीगेट्स हिस्सा लेंगे। यह अधिवेशन 1934 में शुरू हुआ था। यूपी पांचवीं बार इसकी मेजबानी करेगा। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शाम 4 बजे केंद्रीय सड़क, परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुभारंभ करेंगे। केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह भी मौजूद रहेंगे। समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री व लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह को आमंत्रित किया गया है।

सांस्कृतिक नगरों से परिचित होंगे डेलीगेट्स

इंडियन रोड कांग्रेस में यूपी के भी 200 डेलीगेट्स हिस्सा लेंगे। अधिवेशन के पश्चात प्रतिभागियों को अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, मथुरा, वृंदावन आदि स्थानों पर भ्रमण कराकर यहां के अध्यात्म व सांस्कृतिक पहलुओं से भी अवगत कराया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे प्रदेश बन गया है। यहां नई तकनीक से लगभग 50 लाख टन कार्बन उत्सर्जन को बचाया गया है। मुख्यमंत्री ने 2027 तक यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने का जो लक्ष्य रखा है, उसमें इंफ्रास्ट्रक्चर व सड़क का विशेष योगदान है। अधिवेशन में एफडीआर जैसी तकनीकी विषयों पर कोड्स लाया जाएगा, जिससे यूपी को बड़ा लाभ होगा।

पांचवीं बार मेजबानी करेगा यूपी

उत्तर प्रदेश में इंडियन रोड कांग्रेस का यह पांचवां अधिवेशन है। प्रथम अधिवेशन दिसंबर 1934 में दिल्ली में हुआ था। वर्ष 1937, 1985, 1995 व 2011 में यूपी इसकी मेजबानी कर चुका है। इसके बाद इस वर्ष यह गौरव उत्तर प्रदेश को मिल रहा है।

19 तकनीकी सत्र होंगे, एक सत्र यूपी का

इंडियन रोड कांग्रेस के अधिवेशन में 19 सत्र होंगे। इसमें एक सत्र यूपी का भी होगा, जिसमें अपने श्रेष्ठ कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा। सड़क निर्माण की नई तकनीकों, इंफ्रास्ट्रक्चर, अच्छी, किफायती, टिकाऊ व सुरक्षित सड़कों जैसे विषयों के लिए यह काफी कारगर होगा। देश-विदेश के तकनीकी विशेषज्ञों, केंद्र व प्रदेश के इंजीनियरों, सड़क व सेतु से जुड़ी संस्थाओं, वैज्ञानिकों व सलाहकारों द्वारा कई विषयों पर प्रस्तुति होगी।

प्रदर्शनी में लगेंगे कंपनियों के 180 स्टॉल

तकनीकी प्रदर्शनी में 180 स्टॉल लगाए जाएंगे, जिसमें विभिन्न कंपनियों की ओर से सड़क निर्माण में काम आने वाले उपकरण, मशीनरी, मटेरियल व नई तकनीक से जुड़ी जानकारियां मिलेंगी। साथ ही एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) के जरिए यूपी की कला व शिल्पकारों के हुनर से भी आगंतुक अवगत होंगे। इस दौरान सांस्कृतिक सांझ का भी आयोजन किया जाएगा। इसमें हरिहरपुर घराने को भी आमंत्रित किया गया है।

छात्रों को प्रतिभाग का मिलेगा अवसर

इंडियन रोड कांग्रेस का यह अधिवेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए भी काफी कारगर होगा। सड़क निर्माण के क्षेत्र में करियर बनाने व स्टार्टअप के जरिए स्वरोजगार के सृजन में इससे काफी मदद मिलेगी। साथ ही अभियंताओं के लिए भी यह अधिवेशन काफी महत्वपूर्ण होगी। बता दें कि राष्ट्र स्तर पर 16 समितियों में यूपी पीडब्ल्यूडी के अफसरों को सदस्य के रूप में चुना गया है।

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