लखनऊ में खुलेगा इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन का ऑफिस, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड शुरू की तैयारी
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन संपन्न होने के साथ ही सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने भी अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं।
By Umesh TiwariEdited By: Updated: Fri, 07 Aug 2020 07:34 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन संपन्न होने के साथ ही उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने भी अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। अयोध्या में मिली पांच एकड़ भूमि पर मस्जिद, अस्पताल, रिसर्च सेंटर सहित अन्य जरूरी सुविधाएं विकसित करने के लिए गठित इस फाउंडेशन का ऑफिस बहुत जल्द लखनऊ में खुलेगा। इसका ऑफिस बर्लिंगटन स्क्वायर में बनना शुरू हो गया है। फाउंडेशन का पैन कार्ड भी बन गया है, शीघ्र ही बैंक एकाउंट खोलने की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 29 जुलाई को ही इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के नौ सदस्यों की घोषणा की थी। इसमें अधिकतम 15 सदस्य हो सकते हैं। छह सदस्यों को बाद में यह ट्रस्ट खुद नामित करेगा। इसमें मुस्लिम समाज के प्रबुद्ध वर्ग व जानी-मानी हस्तियों को शामिल किया जाएगा। पिछले दिनों अयोध्या जिला प्रशासन ने भी सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि के कागज प्रदान कर दिए।
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के साथ ही अब इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने भी पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद सहित अन्य जन सुविधाएं विकसित करने के लिए कवायद शुरू कर दी है। ट्रस्ट के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन ने बताया कि इंडो इस्लामिक कल्चरल ट्रस्ट का गठन पुराने सभी विवादों को खत्म कर कुछ नया व सकारात्मक करने के लिए हुआ है। इसी कोशिश में यह ट्रस्ट काम करेगा।
अतहर हुसैन ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण फिलहाल कोई बैठक नहीं रखी गई है। जल्द ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैंक एकाउंट खोलने का प्रस्ताव पास कराया जाएगा। ऑफिस तैयार होने के बाद वहां फाउंडेशन के पदाधिकारियों की बैठक की जाएगी। इसमें आगे की रणनीति तय होगी। साथ ही एक वेबपोर्टल तैयार किया जाएगा। इसमें फाउंडेशन की सभी जानकारी मौजूद रहेगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नौ नवंबर को श्रीराम जन्मभूमि विवाद में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर श्रीराम मंदिर का निर्माण करने और मुस्लिमों को मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में किसी अन्य स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। इसके अनुपालन में अयोध्या जिले की सोहावल तहसील स्थित धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दी गई थी। इस पांच एकड़ भूमि पर अस्पताल, विद्यालय, इस्लामिक कल्चरल गतिविधियां बढ़ाने वाले संस्थान और लाइब्रेरी बनाने के साथ ही सामाजिक गतिविधियां बढ़ाने वाले कार्यक्रम संचालित होंगे।
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