Move to Jagran APP

19 वर्ष जेल रहे निर्दोष विष्णु तिवारी सिविल कोर्ट से मांग सकते हैं क्षतिपूर्ति, जानें- क्या कहते हैं कानून के जानकार

दुष्कर्म के आरोप में जीवन के 19 साल जेल में बिताने वाले ललितपुर के विष्णु तिवारी अब बाहर आ गए हैं। जेल में बंद रहने से मिली प्रताड़ना की क्षतिपूर्ति मिलेगी अथवा नहीं? उसको लेकर कानूनविद् एकमत हैं कि वो क्षतिपूर्ति की मांग कर सकता है।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Sat, 06 Mar 2021 08:07 AM (IST)
Hero Image
19 वर्ष जेल रहे निर्दोष विष्णु तिवारी सिविल कोर्ट से क्षतिपूर्ति मांग सकते हैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। दुष्कर्म के आरोप में जीवन के 19 साल जेल में बिताने वाले ललितपुर के विष्णु तिवारी अब बाहर आ गए हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति डॉ. केजे ठाकर व न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने बीते दिनों उन्हें निर्दोष करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया था। जेल से छूटने के बाद विष्णु का नया जीवन शुरू होगा। जेल में बंद रहने से मिली प्रताड़ना की क्षतिपूर्ति मिलेगी अथवा नहीं? उसको लेकर कानूनविद् एकमत हैं कि वो क्षतिपूर्ति की मांग कर सकता है और सरकार भी रोजगार या फिर आर्थिक मदद कर सकती है।

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जमील अहमद आजमी कहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को गलत तरीके से फंसाकर अपराधी बनाया जाता है और कोर्ट में वह बेगुनाह साबित होता है तब वो क्षतिपूर्ति मांगने का हकदार है। बताते हैं कि कोर्ट से बेगुनाह बरी होने वाला व्यक्ति सिविल कोर्ट में लॉ आफ पोर्ट्स के तहत याचिका दाखिल करके क्षतिपूर्ति की मांग कर सकता है। इसका प्रयोग इंग्लैंड में बहुत अधिक होता है। लेकिन, भारत में चलन कम है। लेकिन, इसके जरिए बेगुनाह व्यक्ति क्षतिपूर्ति मांगने का अधिकारी है।

हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता वशिष्ठ तिवारी कहते हैं कि बिना गुनाह के जेल में बंद होने वाले व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक व सामाजिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है। कोर्ट से बरी होने पर वह सभ्य नागरिक श्रेणी में आ जाता है। ऐसे में सरकार उसे क्षतिपूर्ति के रूप में रोजगार अथवा आर्थिक मदद दे सकती है। इसके लिए संबंधित व्यक्ति कोर्ट की शरण ले सकता है।

यह भी पढ़ें : NHRC ने पूछा- लोक सेवक बताएं 19 वर्ष जेल में क्यूं रहा बेगुनाह विष्णु, यूपी के मुख्य सचिव व DGP को नोटिस

यह भी पढ़ें : 19 साल सजा काटने के बाद दुष्कर्म का आरोपी निर्दोष करार, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार पर की तल्ख टिप्पणी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।