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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम देने वाले गांव को वादों की 'गुगली'

अहमामऊ गांव की जमीन पर लेकर बना अंतरराष्ट्रीय इकाना स्टेडियम।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Mon, 24 Sep 2018 02:11 PM (IST)
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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम देने वाले गांव को वादों की 'गुगली'
लखनऊ[ऋषि मिश्र]। सुल्तानपुर रोड पर राजधानी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम मिल गया, मगर जिस गांव से ये जमीन ली गई थी, उस अहमामऊ में विकास का वादा टूट गया है। यहां करीब स्टेडियम के लिए करीब 120 एकड़ जमीन लेते समय ग्राम प्रधान से कहा गया था कि एलडीए अहमामऊ और आसपास के गांवों का विकास करवाएगा। मगर ऐसा हुआ नहीं। शानदार स्टेडियम से कुछ दूरी पर अहमामऊ गांव अब भी विकास की बांट जोह रहा है।

गोमती नगर में स्टेडियम ध्वस्त किये जाने के बाद उसके समायोजन में एक स्टेडियम सरकार को बनाना था। जिसको लेकर गोमती नगर विस्तार में शहीद पथ के किनारे पर गोमती नगर विस्तार की भूमि तय कर दी गई। ये भूमि ग्राम पंचायत अहमामऊ की थी। जिस पर चारागाह बना हुआ था। तत्कालीन जिलाधिकारी और एलडीए उपाध्यक्ष ने लेखपाल के माध्यम से उस समय के ग्राम प्रधान तेज नारायण सिंह पर दबाव डाला। जमीन उनसे एलडीए के नाम हस्तांतरित करवाई गई।

उस समय प्रस्ताव में ये तय हुआ था कि अहमामऊ ग्राम पंचायत में यहां स्टेडियम बनाए जाने से बहुत फर्क पड़ेगा। एलडीए जमकर विकास कराएगा। मगर 11 साल बाद जब इस स्टेडियम के निर्माण के बाद विंडीज और भारत के बीच टी-20 मुकाबला छह नवंबर को होगा तो थोड़ी ही दूरी पर अहमामऊ के ग्रामीण अपने गांव की दुर्दशा पर दुखी होंगे।

तत्कालीन प्रधान तेज नारायण सिंह बताते हैं कि प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने गांव के साथ धोखा किया है। अहमामऊ ग्राम पंचायत में इस राजस्व ग्राम के अलावा अरदौनामऊ, चढ़ाई का पुरवा, ङिालङिाला का पुरवा और कुछ अनाधिकृत कॉलोनी भी शामिल हैं। ग्राम पंचायत में करीब 15 हजार की आबादी है। तीन हजार परिवार निवास करते हैं।

यहां ये हैं प्रमुख दिक्कतें

गांव में बेहतर मार्ग प्रकाश और सार्वजनिक पार्क की कोई व्यवस्था नहीं है। सभी सड़क बदहाल हैं। गांव में लोग 2007 तक पशुपालन करते थे। मगर अब वह पूरी तरह से खत्म हो चुका है। पेयजल का सहारा केवल हैंडपंप हैं। वर्तमान प्रधान निशा सिंह ने बताया कि वे लगातार विभाग से संपर्क हैं। मगर कोई खास लाभ नहीं हो पा रहा है।

नहीं बहुरे अहमामऊ के दिन

  • जमीन लेते समय जिला प्रशासन और एलडीए ने किया था गांव को शहर जैसा विकसित करने का वादा पर अब तक कुछ नहीं हुआ
  • जहां छह नवंबर को होगा विंडीज और भारत के बीच टी-20 वहां गांव की चारागाह थी
  • इस वजह से गांव पशुपालन खत्म, बदहाल सड़क, जलापूर्ति की कोई व्यवस्था नहीं
क्या कहते हैं अफसर ?

लविप्रा उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह के मुताबिक, अहमामऊ गांव के लिए ये गौरव की बात है कि उनकी भूमि पर स्टेडियम का निर्माण हुआ है। इससे गांव के युवकों के लिए रोजगार सृजन होगा। बाकी विकास हम वहां कराएंगे। पहले क्या हुआ इसकी जानकारी मुझे नहीं है। मगर अब वहां विकास की योजना हम बनाएंगे।

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