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Bakrid 2022: इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया ने जारी क‍िए द‍िशा-न‍िर्देश, अपील-कुर्बानी की फोटो न खींचे

इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया ने बकरीद पर एडवाइजरी जारी की है। हमेशा की तरह उन्हीं जानवरों की कुर्बानी की जाए जिन पर कोई कानूनी पाबंदी नहीं है। द‍िशा न‍िर्देश के अनुसार कुर्बानी के जानवरों का खून नालियों में न बहाएं।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Fri, 08 Jul 2022 07:14 AM (IST)
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इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया फरंगी महल ने बकरीद के संबंध में एडवाइजरी दी।
लखनऊ, [दुर्गा शर्मा]। इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया ने ईद उल अजहा के सिलसिले में दिशा निर्देश जारी किए हैं। इस्लामिक सेंटर आफ इंडिया फरंगी महल के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह व काजी-ए-शहर ने कुछ बिंदुओं पर आधारित बकरीद के संबंध में एडवाइजरी दी है। साथ ही इन दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।

दिशा निर्देशों के अनुसार ईद उल अजहा में हर साहिब-ए-हैसियत मुसलमान पर कुर्बानी करना वाजिब है। ईद उल अजहा के तीन दिनों (10, 11, 12 जिलहिज्ज मुताबिक 10, 11 और 12 जुलाई) में कुर्बानी करना कोई रस्म नहीं बल्कि खुदा पाक की पसंदीदा इबादत है। यह हजरत इब्राहीम अलै. और हजरत इस्माईल अलै. की सुन्नत है। इन दिनों में इस का बदल कोई दूसरा नेक अमल नहीं हो सकता, इसलिए कानूनी दायरे में रहते हुए कुर्बानी को जरूर अंजाम दें।

हमेशा की तरह उन्हीं जानवरों की कुर्बानी की जाए जिन पर कोई कानूनी पाबंदी नहीं है। कुर्बानी वाली जगहों पर सफाई का विशेष एहतिमाम किया जाए। खुली जगह या सड़क के किनारे, गली और सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी न की जाए। जानवरों की गंदगी रास्तों या पब्लिक स्थानों पर न फेंके बल्कि नगर निगम के कूड़ेदानों का ही प्रयोग करें।

कुर्बानी के जानवरों का खून नालियों में न बहाएं। ऐसा करना ना पसंदीदा है और स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। उसको कच्ची जमीन में दफन कर दें ताकि वह पौधों और पेड़ों की खाद बन सके। जानवर के गोश्त की तकसीम अच्छी तरह पैक करें। साथ ही गोश्त का तिहाई हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों को जरूर दिया जाए। कुर्बानी करते समय फोटो या वीडियो न बनाई जाए और न उसको सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाए। जानवर की खालें खुदा की राह में सदका करें।

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