जागरण संवादी 2024 अपने दूसरे और अंतिम दिन विभिन्न विषयों पर रोचक चर्चाओं के साथ विदाई लेगा। लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में आयोजित इस वार्षिक उत्सव में भारत की बात और साहित्य पर बंटवार क्यों जैसे विषयों पर विशेषज्ञों की राय जानें। राजनीति से लेकर कला और संस्कृति तक संवादी में हर किसी के लिए कुछ न कुछ है।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। संवाद का सतरंगी मेला
जागरण संवादी
शनिवार को विभिन्न विषयों पर ज्ञानवर्द्धक और दिलचस्प बातें कर वर्षभर के लिए विदा लेगा। लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में आयोजित अभिव्यक्ति के इस वार्षिक उत्सव में
भारत की बात
के बाद
साहित्य पर बंटवार क्यों
पर चर्चा की जाएगी।
एक रहोगे नेक रहोगे
सत्र में राजनीतिक बातें होंगी तो
लखनऊ सबरंग
पर भी रोचक संवाद किया जाएगा। संवादी में प्रवेश निश्शुल्क है। आप सपरिवार और मित्रों संग आइए और बतकही का आनंद लीजिए।
संवादी के दूसरे दिन 17 नवंबर को सुबह 11 बजे से
खुला मंच
सजेगा। इसमें कई कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
इस दिन पहले सत्र में दोपहर 12 बजे लेखक नवीन चौधरी की पुस्तक का विमोचन किया जाएगा।
दूसरा सत्र दोपहर 12:15 बजे से 1:15 बजे तक आयोजित होगा। इसमें
भारत की बात
करेंगे लेखिका अमी गणात्रा, लेखक अरुण आनंद के साथ वरिष्ठ स्तंभकार हर्ष वर्धन त्रिपाठी।
तीसरे सत्र में दोपहर 1:15 से 2:15 बजे तक
साहित्य में बंटवारा क्यों
पर विमर्श किया जाएगा। इसमें उपन्यासकार प्रो. गरिमा श्रीवास्तव, कवि तजेन्द्र सिंह लूथरा, उपन्यासकार रत्नेश्वर सिंह व कहानीकार सबाहत आफरीन के साथ युवा आलोचक डा. सुनील विपुल परिचर्चा करेंगे।
चौथे सत्र में दोपहर 2:15 से 3:15 बजे तक
एक रहोगे नेक रहोगे
पर समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सिद्धार्थ यादव अपनी-अपनी बातें रखेंगे।
दोपहर 3:15 बजे से पांचवां सत्र शुरू होगा। इसमें फिल्मकार मुजफ्फर अली, लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी व सूफी कथक नर्तक मंजरी चतुर्वेदी के साथ दूरदर्शन के उपनिदेशक आत्म प्रकाश मिश्र
लखनऊ सबरंग
पर ज्ञानवर्धक बातें करेंगे।
छठे सत्र
संविधान और आरक्षण
में शाम 4:15 से 5:15 बजे तक संविधान विशेषज्ञ अश्विनी उपाध्याय, दलित चिंतक प्रो. विवेक कुमार और शिक्षक धीरेन्द्र दोहरे बातचीत करेंगे। शाम 5:15 से 6:15 बजे तक सातवां सत्र चलेगा। इसमें फिल्म निर्माता व निर्देशक राहुल रवैल
फिल्मी दुनिया के अनसुने किस्से
साझा करेंगे।
सातवें सत्र में शाम 6:15 बजे से 7:15 बजे तक
सिनेमा की नई पीढ़ी
पर फिल्म निर्देशक अमित राय, फिल्म निर्देशक मृगदीप लांबा और फिल्म निर्देशक अभिषेक शर्मा संवाद करेंगे।
दूसरे दिन की आखिरी प्रस्तुति शाम 7:15 से शुरू होगी। नाट्य निर्देशक गोपाल सिन्हा के निर्देशन में रंगकर्मी रूपाली चंद्रा भगवती चरण वर्मा की कहानी
प्रायश्चित
पर एकल प्रस्तुति देंगी।
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