Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

UP Cabinet Meeting: मथुरा-गोवर्धन मार्ग पर बनेगा जन सुविधा केंद्र, योगी कैबिनेट ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

पर्यटन विभाग ने इस संदर्भ में प्रस्ताव भेजा था कि प्रदेश में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। मथुरा में मथुरा वृन्दावन गोकुल महावन बल्देव बरसाना व नंदगांव तथा गोवर्धन में लाखों पर्यटक आते हैं। इसलिए मथुरा-गोवर्धन मार्ग पर जन सुविधा केंद्र विश्राम स्थल और शिल्पग्राम के निर्माण के लिए ग्राम समाज की भूमि निशुल्क उपलब्ध करवाई जाए। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

By Manoj Kumar Tripathi Edited By: Vinay Saxena Updated: Tue, 11 Jun 2024 03:52 PM (IST)
Hero Image
सीएम योगी की अध्‍यक्षता में हुई कैब‍िनेट बैठक।- फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कैबिनेट की बैठक में पर्यटकों के लिए मथुरा-गोवर्धन मार्ग पर जन सुविधा केंद्र, विश्राम स्थल व शिल्प ग्राम के निर्माण के लिए 6.859 हेक्टेयर भूमि को पर्यटन विभाग को निशुल्क देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

यह भूमि मथुरा की सदर तहसील के जचौंदा के ग्राम समाज की है। पर्यटन विभाग ने इस संदर्भ में प्रस्ताव भेजा था कि प्रदेश में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। मथुरा में मथुरा, वृन्दावन, गोकुल, महावन, बल्देव, बरसाना व नंदगांव तथा गोवर्धन में लाखों पर्यटक आते हैं। इसलिए मथुरा-गोवर्धन मार्ग पर जन सुविधा केंद्र, विश्राम स्थल और शिल्पग्राम के निर्माण के लिए ग्राम समाज की भूमि निशुल्क उपलब्ध करवाई जाए। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

दो माह में पूरी होंगी बुंदेलखंड और विंध्य की 26 पेयजल योजनाएं

बुंदेलखंड और विंध्य के गांवों में घर-घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने इस क्षेत्र की 26 ग्रामीण पेजयल आपूर्ति योजनाओं को दो माह में पूरा करने की मियाद तय की है। इस लक्ष्य को समय से हासिल करने और योजनाओं को अंतिम रूप दे रही एजेंसियों को बढ़ी हुई लागत के तहत भुगतान करने के लिए कैबिनेट में मंगलवार को 1394 करोड़ रुपये की पुनरीक्षित लागत को स्वीकृति प्रदान की है।

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि बुंदेलखंड व विंध्य क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत 49 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई थी, जिसमें से 31 परियोजनाएं 200 करोड़ रुपये से अधिक की थीं। ये सभी परियोजनाएं पूर्ण होने की कगार पर हैं। उन्होंने बताया कि 31 में से पांच परियोजनाओं की पुनरीक्षित लागत पूर्व में ही स्वीकृत हो चुकी हैं। शेष 26 की स्वीकृति कैबिनेट की बैठक में दी गई है। यह 26 परियोजनाएं झांसी, जालौन, हमीरपुर, महोबा चित्रकूट, ललितपुर, मीरजापुर और सोनभद्र जिले की हैं। इन परियोजनाओं की कुल स्वीकृत लागत 10,185 करोड़ रुपये थी, जो बढ़कर 11580 करोड़ रुपये हो गई है।

योजनाओं की लागत में 1394 करोड़ की वृद्धि हुई है। इसमें करीब 600 करोड़ रुपये की वृद्धि पाइप लाइन के विस्तार के कारण हुई है। गांवों के विस्तार के कारण पाइप लाइन को बढ़ाना पड़ रहा है। जीएसटी दर 12 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत होने के कारण परियोजना लागत में करीब 500-600 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, शेष राशि संबंधित विभागों से एनओसी लेने में व्यय हो रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुनरीक्षित लागत की स्वीकृति के बाद सभी 26 परियोजनाओं को दो माह में पूर्ण कर लिया जाएगा।