'मेरी मौत की जिम्मेदार प्रेमिका...', ज्वैलर्स ने खुद को गोली से उड़ाया; सुसाइड नोट में लिखी ये बात
सीतापुर में प्रेमिका की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर ज्वैलर्स ने सोमवार को खुद को गोली मार ली। पुलिस ने शव के पास से सुसाइड नोट बरामद किया है। सुसाइड नोट में प्रेमिका को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। फारेंसिक टीम को बुलाकर घटना स्थल से साक्ष्य एकत्रित किए गए। साथ ही नोट को जांच के लिए लैब भेज दिया गया।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। सीतापुर रोड पर सैरपुर स्थित ड्रिप इन होटल के कमरा नंबर दस में प्रेमिका की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर ज्वैलर्स 34 वर्षीय मनोज कुमार सोनी ने सोमवार को खुद को गोली मार ली। पुलिस ने शव के पास से सुसाइड नोट, अवैध तमंचा, एक कारतूस व खोखा बरामद किया है। सुसाइड नोट में प्रेमिका को मौत का जिम्मेदार ठहराया है।
सैरपुर थाने के इंस्पेक्टर जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि मनोज लखीमपुर खीरी मैगलगंज के रहने वाले थे। पिछले छह वर्षों से सीतापुर के पिसावा इलाके में ज्वैलरी शाप चलाते थे। जांच में सामने आया कि 13 जुलाई की शाम सात बजे कार से होटल पहुंचे और होटल में कमरा लेकर उसमें चले गए। सोमवार दोपहर तक कमरे में कोई हरकत नहीं हुई तो होटल स्टाप ने पुलिस को सूचना दी।
इंस्पेक्टर ने बताया कि दरवाजा तोड़ा तो मनोज का शव औंधे मुंह बेड़ पर शव पड़ा हुआ था। मनोज ने दाहिनी कनपटी पर खुद को गोली मारी थी। पास में ही तीन पन्ने का सुसाइड बरामद हुआ है। उसमें प्रेमिका की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर आत्महत्या करने की बात लिखी थी। फारेंसिक टीम को बुलाकर घटना स्थल से साक्ष्य एकत्रित किए गए। साथ ही नोट को जांच के लिए लैब भेज दिया गया।
परिवारीजन को सूचना देकर बुलाया तो उन्होंने बताया कि मनोज ने रविवार रात सभी को सुसाइड नोट भेज दिया था, जिसके बाद परिवार वाले उसकी तलाश कर रहे थे। आज सुबह पिसावा थाने पहुंचे तो देर शाम पुलिस ने सैर पुर में होने की जानकारी बताई। मृतक के भाई दिनेश ने मामले में तहरीर दी है, जिसमे भाई की मौत के लिए प्रेमिका को जिम्मेदार बताया है।
चार महीने पहले छूटे थे जेल से: पुलिस ने बताया कि पिसावा में छह वर्ष पहले मनोज का एक युवती से प्रेम संबंध हो गया। उसके चलते मनोज को उनकी पत्नी व बच्चे छोड़कर चले गए थे। जिस युवती को प्रेमिका बताया जा रहा था, उसने कुछ दिन पहले ही मनोज के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। उस मामले में चार महीने पहले ही मनोज जेल से छूट कर आए थे और तभी से अवसाद में चल रहे थे।
मेरी मौत की जिम्मेदार प्रेमिका है
मनोज ने लिखा कि छह साल पहले दुकान पर आकर युवती नंबर ले गई। फिर अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। दो वर्ष बीतने के बाद रुपयों की मांग करने लगी। मना करने पर दुष्कर्म के केस में फंसाने की बात कही। इस पर बरगावां स्थित प्लाट सात लाख रुपये में बेच कर रुपये दिए। उसके बाद भी रकम की मांग बढ़ने लगी। वहां दुकान छोड़कर दूसरी जगह खोली, लेकिन वहां भी पहुंच गई। फिर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवा दिया। बेल पर छूट कर आया था। फिर भी नौ लाख रुपये की मांग कर रही थी। उनकी मौत की जिम्मेदार सिर्फ उनकी प्रेमिका है।
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