Karva Chauth 2022: सुहागिनोंं को करना होगा चांद का इंतजार, इन मंत्रों का करें जाप; देखें शुभ मुहूर्त
Karva Chauth 2022 करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। सुहागिन महिलाएं इस दिन अखंड सौभाग्वती की कामना के साथ व्रत रखती हैं और फिर चांद का दीदार कर व्रत का पारण करतीं हैं।
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। अखंड सौभाग्य की कामना का पर्व करवा चौथ 13 अक्टूबर को है। चंद्रोदय के साथ ही व्रत का पारण किया जाता है। मौसम में आए बदलाव का असर भी करवा चौथ पर दिखेगा। वैसे तो शाम 7:55 बजे ही चंद्रोदय होगा, लेकिन लखनऊ में रात 8:07 बजे दिखेगा। करीब 12 मिनट के इंतजार के साथ बादलों की लुकाछिपी भी सुहागिनों को परेशान करेगी। ऐसे में सुहागिनें समय के अनुसार पूजन कर सकती हैं और फिर चांद के दीदार का इंतजार होगा।
पूजन का शुभ मुहूर्त
आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि चौथ का मान शाम 5:45 से 6:59 बजे तक रहेगी। इस दौरान पूजन का शुभ मुहूर्त है। इस बार करवा चौथ में चांद का पूजन विशेष फलदायी होगा। चंद्रमा का पूजन स्त्रियों के लिए पति और बच्चों के लिए अच्छा रहेगा। पूजन चंद्रोदय के पहले करना उत्तम होगा। प्रदोष बेला में 7.30 बजे तक पूजन कर सकते हैं।
स्त्रियों का मुख्य व्रत व त्योहार
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को चंद्रोदय ब्यापिनी में यह करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस वर्ष गुरुवार का दिन कृत्तिका नक्षत्र रात्रि तक रहेगी। सिद्धि योग पश्चात व्यतिपात योग मिल रहा है। यह स्त्रियों का मुख्य व्रत व त्योहार है। सौभाग्वती स्त्रियां अपने पति की रक्षार्थ यह व्रत करती हैं। रात्रि के समय भगवान शिव,चंद्रमा व कार्तिकेय चित्रों व सुहाग की वस्तुओं की पूजा करती है।
दीवार पर ऐसे बनाएं चित्र
सबसे ऊपर चन्द्रमा, उसके नीचे शिव, उसके नीचे कार्तिकेय के चित्र दीवार पर बनाकर उनका पूजन करना चाहिए। इस दिन निर्जला व्रत रहने का विधान है। सायं काल चन्द्रमा को अर्घ्य देकर बिना नमक का भोजन करें। पीले मिट्टी की गौरी जी का चित्र बनाकर उनका पूजन करना चाहिए। इन्ही मन्त्रों से निष्ठा पूर्वक पूजन करना चाहिए। सुहागिनों को समर्पण के भाव के साथ पूजा करनी चाहिए।
इन मंत्रों का करें जाप
- पूजन मंत्र- ओम चं चन्द्रमसे नमः "ॐ शिवाय नमः"
- विशेष मंत्र- ओम षडमुखाय विद्महे मयूर वाहनाय धीमहि तन्नो कार्तिक प्रचोदयात।
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