Karva Chauth 2022: पहला करवा चौथ व्रत नहीं रख सकेंगी सुहागिनें, शुक्र अस्त होने से प्रभावित होंगे यह कार्य
Karva Chauth 2022 सुहागिनों का पर्व करवा चौथ पर चांद के दीदार की बेकरारी त्योहार के उल्लास में चार चांद लगा देते है। 13 अक्टूबर को होने वाले इस पर्व को लेकर भी बाजार तैयार हैं। मान्यता है कि पूजन में प्रयोग होने वाली धातु के सामान नहीं खरीदना चाहिए।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Sat, 08 Oct 2022 04:43 PM (IST)
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। Karva Chauth 2022 यदि आपकी शादी हाल ही में हुई है और आपका पहला करवा चौथ का व्रत है तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। शुक्र ग्रह अस्त होने से इस बार आपको व्रत नहीं रखना है। 20 नवंबर तक शुक्रास्त का मान रहेगा। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि सुख-वैभव, प्रेम, वैवाहिक सुख देने वाले शुक्र ग्रह के अस्त होने (तारा डूबना) से इस बार पहली बार सुहागिनों को व्रत रखने से बचाना चाहिए।
शुभ कार्य नहीं होंगे
20 नवंबर तक शुक्र अस्त का मान रहने से इस दौरान शुभ कार्य वंचित होंगे। इस दौरान विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं होंगे। शुक्र ग्रह का अस्त होना सभी लोगों के धन, सुख, प्रेम और वैवाहिक जीवन पर बड़ा असर डालता है। सामान्यत: शुक्र और बृहस्पति के अस्त होने पर मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। सुहागिन पहली बार करवा चौथ व्रत रख रही है वह भी व्रत शुरू न करें। शुक्र अस्त होने से इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
नहीं कर पाएंगी व्रत का उद्यापन
आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि करवा चौथ के व्रत का उद्यापन 16 वर्ष में हो जाता है। बहुत सी स्त्रियां जीवन भर व्रत रखती है। किंतु इस वर्ष करवा चौथ के दौरान शुक्र ग्रह अस्त है। इस कारण जो महिलाएं करवा चौथ का उद्यापन करना चाहती है वह नहीं कर पाएंगी, क्योंकि शुक्र ग्रह अस्त होने से सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं, लेकिन स्त्रियां व्रत रख सकती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही अपना व्रत खोल सकती हैं।रात्रि 8:07 बजे निकलेगा चांद
आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि 13 अक्टूबर को चतुर्थी शाम 5:45 से 6:59 बजे तक रहेगी। इस दौरान पूजन का शुभ मुहूर्त है। इस बार करवा चौथ में चांद का पूजन विशेष फलदायी होगा। चंद्रमा का पूजन स्त्रियों के लिए पति और बच्चों के लिए अच्छा रहेगा। पूजन चंद्रोदय के पहले करना उत्तम होगा। चंद्रोदय रात 8.07 बजे होगा। इससे पहले प्रदोष बेला में 7.30 बजे तक पूजन कर सकते हैं। चतुर्थी 13 को सुबह 3:01 से शुरू होकर 14 अक्टूबर को 5:43 बजे तक रहेगी। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि मान्यता है कि धातु से बने करवे से चौथ का पूजन करना फलदायी होता है, लेकिन यथा शक्ति मिट्टी के करवे से पूजन भी किया जा सकता है।
ऐसे करें पूजन
आचार्य विजय वर्मा ने बताया कि करवाचौथ के व्रत में शिव पार्वती, कार्तिकेय, श्रीगणेश और चंद्रमा का पूजन करना चाहिए। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ के दिन शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत खोला जाता है। पूजा के बाद मिट्टी के करवे में चावल, उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री रखकर सास या सास की उम्र के समान किसी सुहागिन के पैर छूकर सुहाग की सामग्री भेंट करना उत्तम होता है। पूजन से पहले छत या आंगन में गाय के गोबर से लीपकर और स्वास्तिक बनाकर पूजन करना चाहिए।शुक्र अस्त होने से ब्रिकी प्रभावित
चौक के सिद्धार्थ जैन ने बताया कि हर रेंज के आकर्षक करवे बनवाए गए हैं। शुक्र अस्त होने से ब्रिकी प्रभावित हो रही है। पूजन में प्रयोग होने वाले करवे को खरीदने से सुहागिनें बच रही है। आभूषणों की बिक्री होगी। आलमबाग के रामकुमार वर्मा ने बताया कि महिलाओं के लिए श्रृंगार का सामान भी बनाया गया है। कम रेंज में आकर्षक आभूषण महिलाओं को रास आएंगे। मेंहदी लगवाने के साथ ही ब्यूटी पार्लर की दुकानों पर भी बुकिंग शुरू हो गई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।