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KGMU के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के HOD प्रो. एके सिंह बने अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल विवि के कुलपति

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रो. एके सिंह को अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय का पहला कुलपति बनाया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Wed, 27 May 2020 03:30 PM (IST)
KGMU के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के HOD प्रो. एके सिंह बने अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल विवि के कुलपति
लखनऊ, जेएनएन। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रो. एके सिंह को अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय का पहला कुलपति बनाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रो. एके सिंह की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इसकी जानकारी दी गई है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर राजधानी में नया चिकित्सा विश्वविद्यालय बनाए जाने का कार्य किया जा रहा है। कुलपति पद पर चयन होने के बाद इसे स्थापित करने के काम में और तेजी आएगी। अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष 25 दिसंबर को की थी।

अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के पहले कुलपति बने प्रो. एके सिंह केजीएमयू में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष के साथ-साथ लंबे समय से परीक्षा नियंत्रक भी रहे। मेडिकल की यूजी से लेकर पीजी प्रवेश परीक्षा कराने का लंबा अनुभव रहा। अब वह राज्य के सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों का हुलिया बदलेंगे। उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत में मेडिकल कॉलेजों में स्टैंडर्ड एजुकेशन प्रोटोकॉल लागू करने का दावा किया है।

चक गंजरिया में बन रहा अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय राज्य सरकार के अहम प्रोजेक्टों में शुमार है। सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज अब अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय से ही संबद्ध होंगे। अभी तक यह कॉलेज केजीएमयू समेत प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से संबद्ध हैं। लिहाजा, सभी का एकेडमिक कलेंडर, परीक्षाओं का समय भी अलग-अलग है। वहीं मंगलवार को प्रो. एके सिंह के पहले कुलपति बनने के साथ ही यूनीवर्सिटी की दिशा भी तय कर दी गई है।

समान होगा एकेडमिक कैलेंडर : प्रो. एके सिंह ने कहा कि सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों का एकेडमिक कैलेंडर बनाया जाएगा। यह सभी का समान होगा। समयगत शुचिता पूर्ण परीक्षाएं होंगी। इसके लिए कॉमन एक्जामिनेशन सिस्टम विकसित किया जाएगा। समय पर परिणाम भी जारी किए जाएंगे। मेडिकल कॉलेजों में स्टैंडर्ड एजुकेशन के लिए प्रोटोकॉल बनाए जाएंगे। यह सभी को लागू करने होंगे। सभी की एक यूनिवर्सिटी की डिग्री मिलेगी।

अभी लोहिया संस्थान में चलेगा दफ्तर : अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय का भवन अभी बन रहा हैे। लिहाजा, अस्थाई कार्यालय लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के एकेडमिक ब्लॉक में खोलने पर विचार किया जा रहा है। प्रो. एके सिंह के मुताबिक यूनीवर्सिटी का कार्य गति पकड़ सके। इसके लिए जल्द ही पदों का सृजन कर भर्ती प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।

सरकारी कॉलेज से किया हाईस्कूल-इंटर : हरदाेई के अंधर्रा गांव निवासी प्रो. एके सिंह की शुरुआती शिक्षा कॉन्वेंट स्कूल से हुई। वहीं कक्षा 10 से 12 तक जीआइसी इलाहाबाद में पढ़े। इसके बाद वर्ष 1977 में एमबीबीएस इलाहाबाद कॉलेज व 1981 में एमएस भी इलाहाबाद कॉलेज से किया। केजीएमयू से 1984 में प्लास्टिक सर्जरी से एमसीएच किया। कानपुर मेडिकल कॉलेज में बतौर लेक्चरर नौकरी शुरू की। वहीं 1986 में केजीएमयू में ज्वाइन किया। पिता प्रो. एसआर सिंह इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य रहे। मां कृष्णकांता गृहणी रहीं। वहीं पत्नी केजीएमयू में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ हैं। प्रो. एके सिंह केजीएमयू में वर्ष 2011 में परीक्षा नियंत्रक बने। उन्होंने सीपीएमटी समेत सरकारी विभागों की भी भर्ती परीक्षाएं कराईं।

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