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यहां मात्र दर्शन से पूरी होती है संतान सुख की कामना, ये है मान्यता Lucknow News

लखनऊ के सआदतगंज स्थित हसनगंज बावली में है मां मसानी देवी का मंदिर। नवरात्र पर्व पर सुबह से लेकर देर रात्रि तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।

By Divyansh RastogiEdited By: Updated: Mon, 30 Sep 2019 07:36 AM (IST)
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यहां मात्र दर्शन से पूरी होती है संतान सुख की कामना, ये है मान्यता Lucknow News
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी के सआदतगंज स्थित हसनगंज बावली में मां मसानी देवी का मंदिर श्रद्धालुओं को बरबस अपनी ओर खींचता है। मातादीन रोड स्थित इस ऐतिहासिक मंदिर पर नवरात्र पर्व पर सुबह से लेकर देर रात्रि तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। घनी आबादी के बावजूद यहां आने वालों को कष्ट का आभास नहीं होता।

इतिहास

मां मसानी देवी मंदिर के स्थान पर कभी श्मशान घाट हुआ करता था, जहां दाह संस्कार होता था। यहीं पर एक एक कुआं था और उसके सामने सड़क थी। बंजारों की टोलियां जब सड़क से गुजरती थी तो यहां लगे बरगद के पेड़ के नीचे आराम करती थी। कुएं के पानी से प्यास बुझाने के साथ ही यहां स्थापित संकटा देवी की प्रतिमा का पूजन करते थे। धीरे-धीरे मां संकटा देवी मसानी देवी के नाम से प्रचलित हो गईं। मंदिर में श्री गणेश, हनुमान जी, संतोषी माता, दुर्गा माता, लक्ष्मी माता, भगवान शिव, माता पार्वती, भैरो बाबा, नरसिंह भगवान और सांई बाबा की प्रतिमा श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचती है। 

ये है मान्यता

मान्यता है कि मां मसानी देवी के दर्शन से नि:संतान दंपती को संतान सुख की प्राप्ति होती है। नि:संतान दंपती को मंदिर के पुजारी एक, सात, नौ और 11 कौडिय़ों की माला प्रदान करते हैं। मनोकामना पूरी होने पर मसानी देवी मंदिर पर आकर श्रद्धालु फूलों की डाली, मिट्टी का बबुआ, गुलगुले, पूड़ी, हलवा व अन्य मिष्ठान्न चढ़ाते हैं। 

 क्या कहते हैं पुजारी ?

  • पुजारी श्रीमाली रमेश कुमार के मुताबिक, सिद्धपीठ के रूप में मान्य मां मसानी देवी के यहां वैसे तो पूरे वर्ष श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्र पर अधिक भीड़ होती है। राजधानी ही नहीं आसपास के जिलों के श्रद्धालु भी यहां दर्शन के लिए आते हैं। हर दिन मां के दरबार को फूलों से सजाया जाता है। सुबह शाम महाआरती के साथ प्रसाद वितरण होता है। 
  • सदस्य श्रीमाली पिंटू ने बताया कि ऐतिहासिक सिद्धपीठ मां मसानी देवी के दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। हर दिन श्रद्धालुओं की ओर से मंदिर पर विशेष भंडारे के साथ ही पूजन का इंतजाम किया जाता है। ऐसे श्रद्धालु जिनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है वे मंदिर में रात्रि में भजन करते हैं। 
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