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'गाड़ी चढ़ाने- शिखा काटने वाले का न्याय भगवान ने किया' संजीव जीवा हत्याकांड पर कृष्णानंद राय के बेटे का बयान

Sanjeev Jeeva लखनऊ के सिविल कोर्ट में बुधवार को हुई गोलीबारी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात डॉन संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। संजीव जीवा माफिया मुख्तार अंसारी का खास शूटर रहा है।

By Abhishek PandeyEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Thu, 08 Jun 2023 04:22 PM (IST)
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'गाड़ी चढ़ाने- शिखा काटने वाले का न्याय भगवान ने किया' संजीव जीवा हत्याकांड पर कृष्णानंद राय के बेटे का बयान
जागरण ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली: लखनऊ के सिविल कोर्ट में बुधवार को हुई गोलीबारी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात डॉन संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। संजीव जीवा माफिया मुख्तार अंसारी का खास शूटर रहा है और उसका नाम कृष्णानंद राय और ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में भी सामने आया था।

अब जीवा की हत्या के बाद के देवरिया से भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्वीट कर कहा-

ब्रह्मदत्त द्विवेदी सियायत में चमकते सितारे थे, संजीव जीवा ने दिनदहाड़े उन्हें मौत के घाट उतार दिया, कृष्णानंद राय राजनीति का बड़ा चेहरा थे, संजीव जीवा ने हत्या की और उनकी शिखा काट ली, इन हत्याओं में जीवा अदालत से बच निकला, लेकिन आज अदालत के दरवाजे पर ही मिली उसे खौफनाक मौत।

वहीं कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने शलभ मणि त्रिपाठी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा-

जिस बर्बरता से गाड़ी के ऊपर चढ़कर हत्या को अंजाम दिया गया और उसके बाद पिताजी की शिखा काटी गई। आज उसका फैसला न्याय के मंदिर में भगवान द्वारा किया गया। फैसले में देर हैं, अंधेर नहीं चाहे न्यायालय का हो या भगवान का।

उस समय ब्रह्मदत्त द्विवेदी यूपी की सियासत में बड़ा नाम हुआ करते थे और मायावती के जीवन रक्षक भी माने जाते हैं। कहा जाता है जब साल 1995 में मायावती पर हमला हुआ था तो ब्रह्मदत्त द्विवेदी ही मदद के लिए सामने आए थे। इस केस को गेस्ट हाउस कांड के नाम से जाना जाता है।

ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या

10 फरवरी 1997 में जब वह फर्रुखाबाद में शादी समारोह से लौट रहे थे, तभी कुछ लोगों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या कर दी। इस केस में 4 लोगों को नामजद किया गया। जिसमें जीवा का नाम भी शामिल था।

केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई, जिसमें राजनीतिक फायदे के लिए हत्या का मामला सामने आया। 2003 में कोर्ट ने संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा और विजय सिंह को इस केस में आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

कहा जाता है कि 25 नवंबर 2005 को जीवा ने मुहम्मदाबाद के तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड को भी अंजाम दिया था। उसने गाड़ी के बोनट पर चढ़कर एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर न सिर्फ विधायक बल्कि 7 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना के बाद पूरे पूर्वांचल में मुख्तार और जीवा के नाम का खौफ था।

ये थे आरोपित

विधायक हत्याकांड में अफजाल अंसारी, मुख्तार अंसारी, संजीव महेश्वरी जीवा, एजाजुलहक, राकेश पांडेय, रामू मल्लाह, मंसूर अंसारी, मुन्ना बजरंगी का नाम सामने आया था। हालांकि, बाद में सभी कोर्ट से बरी हो गए थे।

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