कैबिनेट की बैठक आज, दो दर्जन से ज्यादा प्रस्तावों को मिलेगी मंजूरी; UP में इन बड़ी खबरों पर रहेगी नजर
आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में दो दर्जन से अधिक प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है। ताजमहल के गुंबद की सीबीआरआइ से स्टडी कराने की योजना है। इस सप्ताह पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा की तिथि पर निर्णय ले सकता है आयोग। ज्ञानवापी मामले में अलग-अलग अदालतों में सुनवाई होगी। इसके अलावा क्या कुछ होगा होगा सब जानकारी एक साथ पढ़ें यहां।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लगभग तीन सप्ताह बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में दो दर्जन से अधिक प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है। 13 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतगणना से पहले होने जा रही कैबिनेट की बैठक में सरकार कुछ अहम निर्णय कर सकती है। लोकभवन में सुबह 11 बजे से होने वाली बैठक में औद्योगिक विकास, आबकारी, लोक निर्माण, उच्च शिक्षा, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन, आइटी विभाग से जुड़े प्रस्ताव हो सकते हैं। नई शीरा नीति, लैंड यूज नीति-2024, उत्तर प्रदेश ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पालिसी 2024 संबंधी प्रस्तावों को स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
इन खबरों पर भी रहेगी नजर
ज्ञानवापी : अलग-अलग अदालत में आज सुनवाई
राखी सिंह सहित पांच महिलाओं की ओर से ज्ञानवापी स्थित मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन की मांग, किरण सिंह की ओर से ज्ञानवापी स्थित बंद तलगृहों का एएसआइ सर्वे कराने की मांग के लिए दाखिल मुकदमों के साथ संबद्ध पांच अन्य मुकदमों की सुनवाई सोमवार को जिला जज संजीव पांडेय की अदालत में होगी। ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण व हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने की मांग को लेकर 1991 में दाखिल मुकदमे की पोषणीयता को लेकर उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर भी जिला जज की अदालत में सुनवाई होगी।
स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से 1991 में स्व. पं. सोमनाथ व्यास एवं अन्य द्वारा दाखिल मुकदमे को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) की अदालत पोषणीय मान चुकी है। 1991 में दाखिल मुकदमे में पक्षकार बनने को लेकर वाराणसी निवासी मुख्तार अहमद की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर भी अपर जिला जज (चतुर्दश) अभय कृष्ण तिवारी की अदालत में सुनवाई होगी। मामले में अदालत ने मूल पत्रावली तलब की है। सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) की अदालत ने दो मई को मुख्तार की याचिका खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दायर की है।
ताजमहल के गुंबद की सीबीआरआइ से स्टडी कराएगा एएसआइ
ताजमहल का प्रत्येक 10 वर्ष के अंतराल पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से सर्वे कराया जाता है। इसमें यह देखा जाता है कि स्मारक के ढांचे में किसी तरह का कोई परिवर्तन तो नहीं आ रहा है। दीवार व मीनार की जांच इसमें की जाती हैं। पिछली बार वर्ष 2015-16 में सर्वे कराया गया था। विभाग इस बार ताजमहल के गुंबद की भी सीबीआरआइ से स्टडी कराने की योजना बना रहा है। सितंबर में निरंतर वर्षा होने से मुख्य मकबरे में पानी का रिसाव हुआ था। इससे गुंबद के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी।
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