एक आदेश में फंसी 3500 भूखंड की मोहान रोड योजना, शासन से नहीं मिल रही स्वीकृति
एलडीए बोर्ड ने ओमेक्स को सौंपा है काम। नवंबर में प्राधिकरण ने बोर्ड मीटिंग में 750 एकड़ की योजना को किया था पास।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Wed, 11 Mar 2020 08:55 AM (IST)
लखनऊ, (ऋषि मिश्र)। 3500 भूखंड की आवासीय योजना मोहान रोड शासन के एक आदेश को लेकर अटकी हुई है। एलडीए ने योजना को पीपीपी पर विकसित करने की तैयारी की थी। एलडीए बोर्ड से ओमेक्स को ये काम दिया जा चुका है। तीन माह हो गए, शासन से हरी झंडी नहीं मिल सकी।
छह नवंबर को एलडीए की बोर्ड मीटिंग में योजना पर मुहर लगी थी। इसमें ओमेक्स लिमिटेड को विकासकर्ता के तौर पर चयनित किया जा चुका है। क्षेत्रफल 750 एकड़ है। इसमें मोहान रोड के प्यारेपुर और गलियाखेड़ा गांव शामिल हैं। इस पर 3500 भूखंड एलडीए के रेट पर लांच किए जाने थे। मार्च तक तक जमीनी स्तर पर काम भी शुरू होना था, लेकिन योजना को शासन से हरी झंडी नहीं मिल सकी।रिक्त फ्लैटों की योजना के बाद एलडीए खाली
गोमती नगर, विस्तार और सीजी सिटी में रिक्त फ्लैटों की स्कीम के अतिरिक्त एलडीए के पास फिलहाल आमजन लिए कुछ नहीं है। 'पहले आओ, पहले पाओ' स्कीम के 3900 फ्लैट में भी लोगों ने अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसलिए आशियाने की चाह रखने वालों को प्राधिकरण से फिलहाल निराशा ही मिलेगी। इसलिए मोहान रोड योजना ही फिलहाल सबसे अहम कार्य है।
वहीं लविप्रा के अधीक्षण अभियंता पीसी पांडेय ने बताया कि मोहान रोड योजना की स्वीकृति शासन में लंबित है। हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द अनुमति मिल जाए, ताकि योजना में विकास कार्य शुरू किए जा सकें।
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