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उत्तर प्रदेश में सस्ती होगी शराब! कैबिनेट मीटिंग में योगी सरकार ने लगाई प्रस्ताव पर मुहर… लिया ये फैसला

उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब बनाने में प्रयोग होने वाले एक्स्ट्रा नेचुरल अल्कोहल (ईएनए) को जीएसटी के दायरे से मुक्त कर दिया है। अब ईएनए पर वैट लागू होगा। इसके साथ ही कर निर्धारण के लिए समयावधि में भी बदलाव किया गया है। अब वार्षिक रिटर्न दाखिल किए जाने की तिथि से 42 माह की समयावधि निर्धारित की गई है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Fri, 22 Nov 2024 10:22 PM (IST)
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नए निर्णय के अनुसार, ईएनए पर अब वैट लागू होगा।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। शराब बनाने में प्रयोग होने वाले एक्स्ट्रा नेचुरल अल्कोहल (ईएनए) को जीएसटी के दायरे से मुक्त कर दिया गया है। कैबिनेट ने इसके प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। ईएनए पर अब वैट लागू होगा।

कर निर्धारण के लिए पहले धारा 73 (नान फ्रॉड केस) में आदेश देने की समयावधि वार्षिक रिटर्न दाखिल किए जाने की तिथि से तीन वर्ष तथा धारा 74 (फ्राड केस) में पांच वर्ष निर्धारित की गई थी।

कर दाताओं को राहत देने का निर्णय

अब एक नई धारा 74-क के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2024-25 व उसके आगे सभी श्रेणी के कर निर्धारण आदेशों के लिए समान समयावधि निर्धारित की गई है, जो वार्षिक रिटर्न दाखिल किए जाने की तिथि से 42 माह होगी। 

इसके साथ ही करदेयता में अस्पष्टता की स्थिति को देखते हुए पूर्व की अवधि को नियमित कर कर दाताओं को राहत देने का निर्णय भी किया गया है। यदि पहले भ्रमवश कुछ कर दाताओं द्वारा वास्तविक दर 18 प्रतिशत के स्थान पर 12 प्रतिशत की दर से कर जमा किया है तो उनकी छह प्रतिशत कर की अतिरिक्त देयता को माफ किया जा सकेगा। 

20 प्रतिशत किया गया अर्थदंड

वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 के लिए तथा पंजीयन बहाली के बाद आईटीसी के दावे के लिए तय समय के बाद रिटर्न दाखिल करने की दशा में करदाता काे आईटीसी का लाभ देने का निर्णय भी किया गया है। आईटीसी दावे के लिए तय अवधि वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद अगले वित्तीय वर्ष की 30 नवंबर होगी।

नोटिस जारी होने पर अब व्यापारी का प्रतिनिधि उपस्थित हो सकेगा। सचल दल द्वारा जब्त माल पर पहली अपील के लिए प्री-डिपॉजिट अर्थदंड को 25 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। 

दूसरी अपील पर विवादित राशि के 20 प्रतिशत के बजाय 10 प्रतिशत तथा अधिकतम सीमा 50 करोड़ रुपये से घटाकर 20 करोड़ रुपये तक की गई है। एक जुलाई 2017 से 31 मार्च, 2020 की अवधि के बीच धारा 75 (नान फ्रॉड केस) के आदेशों में की गई मांग को जमा किए जाने तथा प्रकरण में कोई अपील न किए जाने अथवा दाखिल अपील वापस लिए जाने की दशा में ब्याज व अर्थदंड में छूट दिए जाने की व्यवस्था भी की गई है।

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