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एलएलबी के छात्र ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, मोबाइल फोन से भी नहीं मिला कोई सुराग; 3 भाइयों में था सबसे छोटा

एलएलबी फाइनल के एक छात्र ने बीती रात को परिवार के साथ खाना खाया और सोने के लिए अपने कमरे में चला गया। आज सुबह जब वह कमरे से बाहर नहीं आया तो पिता ने आवाज दी। खिड़की से झांककर देखा तो वह फांसी के फंदे पर लटका हुआ था। पुलिस ने अन्दर से बन्द कमरे को तोड़कर शव को उतारा और पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कराया।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 03 Apr 2024 12:29 AM (IST)
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एलएलबी के छात्र ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, मोबाइल फोन से भी नहीं मिला कोई सुराग।
जागरण संवाददाता, झांसी। एलएलबी फाइनल के एक छात्र ने बीती रात को परिवार के साथ खाना खाया और सोने के लिए अपने कमरे में चला गया। आज सुबह जब वह कमरे से बाहर नहीं आया, तो पिता ने आवाज दी। खिड़की से झांककर देखा तो वह फांसी के फंदे पर लटका हुआ था। 

पुलिस ने अन्दर से बन्द कमरे को तोड़कर शव को उतारा और पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम कराया। आत्मघाती कदम क्यों उठाया, इसको लेकर परिजन हैरत में हैं। मोबाइल फोन से राज खुलने की सम्भावना जतायी जा रही थी, लेकिन उसमें भी पुलिस को कोई ऐसा सुराग नहीं मिला।

थाना सीपरी बाजार के आईटीआई के पास, सिद्धेश्वर नगर निवासी चन्दन राय उर्फ रौनक (27) एलएलबी फाइनल का छात्र था। पढ़ाई के साथ ही वह एक अधिवक्ता के पास प्रैक्टिस भी करता था। वह हर मंगलवार को सदर बाजार स्थित खाटू श्याम मंदिर के साथ शनिवार को दतिया पीताम्बरा माता मंदिर में दर्शन करने जाता था। 

बड़े भाई रवि राय ने बताया कि रौनक ने बीते रोज रात को खाना खाया और माता-पिता से बातचीत की। इसके बाद वह अपने कमरे में सोने के लिए चला गया। सुबह पिता टहलने के बाद घर पर आए तो उन्होंने रौनक के सोकर नहीं उठने पर आवाज लगायी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इस पर उन्होंने कमरे की कुंडी बजाई। 

कोई प्रतिक्रिया नहीं आने पर खिड़की से झांककर देखा तो वह फांसी के फंदे पर लटका हुआ था, जिस पर उनकी चीख निकल गई। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा। पुलिस ने मृतक के दोनों मोबाइल फोन को अपने कब्जे में ले लिया था। 

इस सम्बन्ध में थाना सीपरी बाजार प्रभारी निरीक्षक जितेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि परिजनों को भी रौनक के आत्मघाती कदम उठाने के पीछे के कारण की कोई जानकारी नहीं है। मृतक के दोनों मोबाइल फोन को खोलकर उनकी जांच की, लेकिन उसमें भी कोई ऐसी चीज नहीं मिली, जिससे उसके आत्महत्या के कारण की जानकारी हो सके। मोहल्ले वालों ने रौनक के व्यवहार की सराहना करते हुए कहा कि वह खुशमिजाज था, सभी से उसके अच्छे सम्बन्ध थे। 

4 दिन पहले ही ली नई बुलेट गाड़ी 

भाई रवि ने बताया कि रौनक के पास पहले भी बुलेट गाड़ी थी, लेकिन वह पुरानी हो गयी थी। इस पर उसने पुरानी गाड़ी को बेच दिया था और 4 दिन पहले ही नई बुलेट गाड़ी खरीदी थी। 

पिता पीडब्ल्यूडी में प्रशासनिक अधिकारी रहे 

रौनक के पिता महेश राय लोक निर्माण विभाग में प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हैं। परिजनों ने बताया कि वह तीन भाइयों में सबसे छोटा था। एक बहन की शादी हो चुकी है। बड़ा भाई रवि प्रॉपर्टी का काम करता है और झांसी में अलग रहता है। बीच वाला भोपाल में एक कंपनी में काम करता है और अपनी पत्नी के साथ ही वहीं रहता है। सिद्धेश्वर नगर वाले घर पर रौनक अपने माता-पिता के साथ अकेला रहता था।

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