Lockdown in UP: पांच शहरों में लॉकडाउन का हाई कोर्ट का निर्देश योगी आदित्यनाथ सरकार को मंजूर नहीं
Lockdown in UP कोर्ट के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के प्रवक्ता का कहना है कि हमको को कोरोना वायरस संक्रमण के इस काल में गरीबों की जान के साथ उनकी आजीविका भी बचानी है। इस कारण हम लॉकडाउन नहीं लगा सकते हैं।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Tue, 20 Apr 2021 10:10 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जनहित याचिका पर प्रदेश के पांच जिलों में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन का फैसला योगी आदित्यनाथ सरकार को मंजूर नहीं है। हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर शहर, वाराणसी व गोरखपुर में आज रात 12 बजे यानी सोमवार रात से 26 अप्रैल तक लॉकडाउन करें। कोर्ट का यह निर्देश तो फिलहाल योगी आदित्यनाथ सरकार नहीं मान रही है। सरकार ने लखनऊ सहित पांच शहरों में लॉकडाउन नहीं लगाने का फैसला किया है।
कोर्ट के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के प्रवक्ता का कहना है कि हमको को कोरोना वायरस संक्रमण के इस काल में गरीबों की जान के साथ उनकी आजीविका भी बचानी है। इस कारण हम लॉकडाउन नहीं लगा सकते हैं। आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि प्रदेश सरकार वाराणासी, कानपुर नगर, लखनऊ, प्रयागराज और गोरखपुर में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाए। इस पर योगी आदित्यनाथ सरकार की दलील है कि लोगों की जान बचाने के साथ-साथ जीविका भी बचानी है। ऐसे में यह ऐसे में यह फैसला नहीं लिया जा सकता है।
कोर्ट के इस आदेश पर सरकार की तरफ से कहा गया है कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े हैं और सख्ती कोरोना के नियंत्रण के लिए आवश्यक है। सरकार ने कई कदम उठाए हैं और आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अब जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है। ऐसे में पांच शहरों में सम्पूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा। प्रदेश में तो लोग स्वत: कई जगह बंदी कर रहे हैं। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव सूचना, नवनीत सहगल की तरफ से दी गई है। प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने पहले ही संक्रमण की रोकथाम के लिए अनेक निर्णय लेकर उन्हें लागू किया है। इन उपायों के तहत कन्टेनमेंट जोन के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया गया है। सभी जिलों में रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू के साथ साथ 15 मई तक पूरे प्रदेश में रविवार को साप्ताहिक बंदी घोषित की गई है। इसका उपयोग ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फॉगिंग के विशेष अभियान के संचालन के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मास्क के अनिवार्य उपयोग को कड़ाई से लागू कराया जा रहा है। इस संबंध में प्रवर्तन की प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। पहली बार बिना मास्क के पकड़े जाने पर एक हजार रुपये तथा दोबारा बिना मास्क के पकड़े जाने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूलने का निर्णय लिया गया है। सार्वजनिक आयोजन में खुले स्थान पर अधिकतम 100 व्यक्ति तथा बन्द स्थान पर अधिकतम 50 व्यक्तियों की सीमा तथा पूर्ण कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ अनुमन्य किया गया है। यह निर्देश भी दिए गए हैं कि किसी भी धार्मिक स्थल में एक समय में पांच से अधिक व्यक्ति न जाएं। रेलवे स्टेशन, बस अड्डों तथा एयरपोर्ट पर लोगों की इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा पल्स ऑक्सीमीटर से स्क्रीनिंग तथा लक्षण के आधार पर टेस्टिंग प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने उपचार के साथ-साथ सख्ती के जो कदम उठाए हैं, उससे कोविड-19 की रोकथाम में मदद मिलेगी। इसके दृष्टिगत, प्रदेश सरकार फिलहाल पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार नहीं कर रही। आपको बता दें कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर और वाराणसी में 26 अप्रैल से पूर्ण लॉकडाउन लगाने का आदेश योगी सरकार को दिया था जिस पर सरकार ने स्पष्ट किया कि फिलहाल यूपी में पूर्ण लॉकडाउन का इरादा नहीं है।
इससे पहले कोर्ट की तरफ से उत्तर प्रदेश मुख्य सचिव को खुद निगरानी करने के लिए निर्देश थे। कोर्ट की तरफ से दिया गया यह आदेश आज रात से लागू होना था। इस दौरान इन शहरों में जरूरी सेवाओं वाली दुकानों को छोड़कर कोई भी दुकान, होटल, ऑफिस और सार्वजनिक स्थल नहीं खुलने की बात कही गई थी। इसके साथ ही मंदिरों में पूजा और आयोजनों पर भी रोक लगाने का आदेश दिया गया था।
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