Lok Sabha Chunav: पहले और छठे चरण में BJP के लिए सर्वाधिक चुनौतियां, रामपुर-आजमगढ़ में मिल सकता है चैलेंज
Lok Sabha Election 2024 अठारहवीं लोकसभा के चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा और उसके सहयोगियों के लिए पहले और छठे चरण का चुनाव सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण होगा। भाजपा की जो हारी हुईं 14 सीटें हैं उनमें सर्वाधिक चार-चार सीटों के चुनाव इन्हीं चरणों में होंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अठारहवीं लोकसभा के चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा और उसके सहयोगियों के लिए पहले और छठे चरण का चुनाव सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण होगा। भाजपा की जो हारी हुईं 14 सीटें हैं, उनमें सर्वाधिक चार-चार सीटों के चुनाव इन्हीं चरणों में होंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है।
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश में 62 सीटें जीती थीं जबकि उसके सहयोगी अपना दल (एस) ने मीरजापुर और राबर्ट्सगंज की दो सीटें जीती थीं। इस तरह भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल ने 64 सीटें जीती थीं। बाद में वर्ष 2022 में विधान सभा सदस्य निर्वाचित होने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजमगढ़ और मोहम्मद आजम खां ने रामपुर लोकसभा सीट छोड़ दी थी।
आजमगढ़ और रामपुर सीटों पर जून 2022 में हुए उपचुनावों में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। यह दोनों सीटें जीतने के बाद भी भाजपा के कब्जे से प्रदेश की 14 लोकसभा सीटें बाहर हैं। इनमें से बिजनौर, नगीना, सहारनपुर, अमरोहा, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर और लालगंज बसपा के कब्जे में हैं। संभल, मुरादाबाद व मैनपुरी सीटें सपा के पास हैं जबकि रायबरेली कांग्रेस की झोली में।
यहां पहले चरण में चुनाव
भाजपा की हारी हुईं 14 सीटों में से चार-सहारनपुर, बिजनौर, नगीना और मुरादाबाद सीटों पर पहले चरण में चुनाव होगा। भाजपा ने बिजनौर सीट एनडीए गठबंधन में अपने सहयोगी रालोद को दी है। पहले चरण में रामपुर सीट पर भी चुनाव होगा। यद्यपि भाजपा ने उपचुनाव में रामपुर सीट जीत ली थी, लेकिन पार्टी ने इस सीट को भी अपने लिए चुनौतीपूर्ण मानते हुए ‘रेड जोन’ में रखा है। इस आधार पर पहले चरण की आठ में से पांच सीटें भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हैं।
वहीं छठा चरण भी भाजपा के लिए कम चुनौतीपूर्ण नहीं है। इस चरण में भी भाजपा की 14 हारी सीटों में से चार चुनाव पर होगा। इन हारी सीटों में अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, लालगंज और जौनपुर सीटें शामिल हैं। छठे चरण में आजमगढ़ सीट पर भी चुनाव होगा। भाजपा भले ही उपचुनाव में बहुत कम वोटों के अंतर से आजमगढ़ सीट जीतने में सफल रही हो लेकिन इस सीट को भी उसने रेड जोन में रखा है। ऐसे में पहले चरण की तरह छठे चरण में भी भाजपा के लिए पांच सीटें चुनौती पेश करेंगी।
दूसरे चरण की आठ सीटों में सिर्फ अमरोहा ऐसी है, जिसे भाजपा पिछले चुनाव में हार गई थी। तीसरे चरण की दो सीटें-संभल और मैनपुरी भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हैं। पांचवें चरण में रायबरेली सीट और सातवें चरण में घोसी और गाजीपुर भाजपा की हारी सीटों में शामिल हैं। भाजपा ने घोसी सीट अपने सहयोगी सुभासपा के लिए छोड़ी है।
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