Lok Sabha Election: गर्मी ने बढ़ाई चिंता… मतदान प्रतिशत बढ़ाना चुनौती, पहले चरण में प्रदेश में अपेक्षानुरूप नहीं पड़े वोट
उत्तर प्रदेश में प्रथम चरण के चुनाव में मतदान प्रतिशत 2019 के आम चुनाव से करीब पांच प्रतिशत कम रहा। वजह तमाम हो सकती है लेकिन बढ़ती गर्मी को भी इसका बड़ा कारण माना जा रहा है। अगले चरणों में भी मतदान के दौरान मौसम का पारा चढ़ने की आशंका जताई जा रही है जिसका प्रभाव मतदान पर भी पड़ सकता है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रथम चरण के चुनाव में मतदान प्रतिशत, 2019 के आम चुनाव से करीब पांच प्रतिशत कम रहा। वजह तमाम हो सकती है, लेकिन बढ़ती गर्मी को भी इसका बड़ा कारण माना जा रहा है।
अगले चरणों में भी मतदान के दौरान मौसम का पारा चढ़ने की आशंका जताई जा रही है, जिसका प्रभाव मतदान पर भी पड़ सकता है। ऐसे में निर्वाचन आयोग के समक्ष मतदान बढ़ाने की बड़ी चुनौती है।
प्रदेश में पहले चरण की आठ सीटों के लिए हुए चुनाव में 61.11 प्रतिशत मतदान हुआ है जो कि 2019 के चुनाव में इन सीटों पर हुए चुनाव के औसत मतदान (66.40 प्रतिशत) से करीब पांच प्रतिशत से कम है।
सभी सीटों पर सुबह वोटिंग में तेजी देखी गई जो कि दोपहर बाद सुस्त में तब्दील हो गई। इसकी वजह गर्मी को भी बताया जा है। यहां यह भी बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश का औसत मतदान 59.21 प्रतिशत रहा था, जो कि राष्ट्रीय औसत 67.40 से काफी कम था।
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश को मतदान प्रतिशत बढ़ाने और इसे राष्ट्रीय औसत तक पहुंचाने का लक्ष्य सौंपा है। आयोग के निर्देश पर गर्मी को देखते हुए पिछले दिनों जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।
आयोग ने भीषण गर्मी और लू के प्रभाव को कम करने के लिए मतदेय स्थलों पर आवश्यक सुविधाएं समय से पूरी करने की बात कही है। मतदाताओं को धूप से बचाने के लिए मतदेय स्थलों पर टेंट, छतरियां कुर्सियों, पंखे की व्यवस्था कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
सभी मतदेय स्थलों पर पेयजल की व्यवस्था के साथ ही स्थानीय सरकारी एजेंसियों, स्वास्थ्य विभाग और आपातकालीन सेवाओं के साथ समन्वय बनाए रखने की बात भी कही गई है।
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