Lok Sabha Elections: कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में खींचतान बढ़ी, सीटों के बदलते समीकरण पर सबकी निगाहें टिकी
Lok Sabha Elections 2024 इस बार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आइएनडीआइए गठबंधन को बिहार और बंगाल में झटका मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी ने मौके का लाभ उठाते हुए कांग्रेस को दबाना शुरू कर दिया है। सपा ने 11 सीटें कांग्रेस को देने की घोषणा के बाद 16 सीटों पर अपने उम्मीदवार भी मैदान में उतार दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में आइएनडीआइए गठबंधन में लगातार तेज हो रही दबाव की राजनीति के चलते कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में खींचतान बढ़ रही है। चुनावी तैयारियों को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस से आगे चल रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस को 11 सीटें देने के साथ अपनी पार्टी के 16 उम्मीदवारों के नामों की भी घोषणा कर दी है। इससे प्रदेश कांग्रेस के खेमे में खलबली मची हुई है और कांग्रेस ने सपा की दबाव की राजनीति का जवाब देने के लिए सभी 80 सीटों पर अपनी तरफ से चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
विपक्ष की सारी रणनीति धरी रह गई
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के आगे विपक्ष की सारी रणनीति धरी रह गई थी। बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में उतरी सपा से ज्यादा लाभ बसपा को हुआ था। बसपा के खाते में 10 सीटें गई थीं, तो सपा को पांच सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। भाजपा ने 62 सीटों पर जीत हासिल की थी और सहयोगी अपना दल एस को दो सीटों पर जीत मिली थी। भाजपा की लहर में अमेठी से राहुल गांधी भी चुनाव हार गए थे, कांग्रेस रायबरेली की अपनी पारंपरिक सीट ही बचा सकी थी।
आइएनडीआइए गठबंधन को बिहार और बंगाल में भी झटका
इस बार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आइएनडीआइए गठबंधन को बिहार और बंगाल में झटका मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी ने मौके का लाभ उठाते हुए कांग्रेस को दबाना शुरू कर दिया है। सपा ने 11 सीटें कांग्रेस को देने की घोषणा के बाद 16 सीटों पर अपने उम्मीदवार भी मैदान में उतार दिए हैं। कांग्रेस इस बार कम से कम 20 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी।गठबंधन धर्म का पालन
नतीजतन सिर्फ 11 सीटों की घोषणा से कांग्रेसी सहमत नहीं है। इसीलिए कांग्रेस ने अपने नेताओं की राय लेकर सभी सीटों पर अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीते सप्ताह कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने सपा द्वारा गठबंधन धर्म का पालन न करने संबंधी बयान देकर दोनों दलों के बीच खींचतान और दबाव की राजनीति को और स्पष्ट कर दिया है।यह भी पढ़ें: Lok Sabha Elections: खरगे के बयान पर भाजपा का पलटवार, 'लोकतंत्र की आड़ में चल रहे राजवंशों की सत्ता को मिल रही है चुनौती'