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Lok Sabha Elections: ताकत झोंकने की तैयारी में कांग्रेस, यूपी में इन चेहरों को मिल सकता है टिकट

कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट समेत एक दर्जन सीटों पर दावा नहीं छोड़ेगी। कुछ नेताओं का मानना है कि उप्र में पार्टी के हिस्से डेढ़ दर्जन सीटें आ सकती हैं। पार्टी उन्हीं सीटों पर ताकत झाेंकेगी जहां गठबंधन में शामिल दलों के सहयोग से जीत सुनिश्चित की जा सके। दिल्ली में गुरुवार को केंद्रीय नेतृत्व सभी प्रदेशों के प्रभारी व अध्यक्षों के साथ विशेष बैठक करेगा।

By Alok Mishra Edited By: Shivam Yadav Updated: Thu, 04 Jan 2024 06:30 AM (IST)
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Lok Sabha Elections: ताकत झोंकने की तैयारी में कांग्रेस
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कांग्रेस आने वाले लोकसभा चुनाव में इस बार उत्तर प्रदेश में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है। विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए में सीटों की भागीदारी को लेकर कांग्रेस पिछले दो विधानसभा चुनावों के परिणामों को आधार बनाकर अपने लिए नए समीकरण बनाएगी। 

कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट रायबरेली व अमेठी के अलावा लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर समेत एक दर्जन सीटों पर दावा नहीं छोड़ेगी। कुछ नेताओं का मानना है कि उप्र में पार्टी के हिस्से डेढ़ दर्जन सीटें आ सकती हैं। पार्टी उन्हीं सीटों पर ताकत झाेंकेगी, जहां गठबंधन में शामिल दलों के सहयोग से जीत सुनिश्चित की जा सके।

सीटों की दावेदारी को लेकर मंथन 

दिल्ली में गुरुवार को केंद्रीय नेतृत्व सभी प्रदेशों के प्रभारी व अध्यक्षों के साथ विशेष बैठक करेगा। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय यूपी जोड़ो यात्रा छोड़कर बुधवार को दिल्ली रवाना हो गए। पार्टी सूत्रों का कहना कि बैठक में यूपी में सीटों की दावेदारी को लेकर भी मंथन होगा।

कांग्रेस दूसरे दलों से आए कुछ नेताओं के लिए जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करेगी। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो रायबरेली की सीट से केवल सोनिया गांधी ही जीत दर्ज कर सकीं थीं। 

इमरान मसूद पर लगा सकती है दांव

पार्टी फतेहपुर सीकरी, अमेठी व कानपुर की तीन सीटों पर ही दूसरे स्थान पर रही थी। 2014 लोकसभा चुनाव में रायबरेली में सोनिया गांधी व अमेठी में राहुल गांधी ही जीत सके थे। कांग्रेस तब छह सीटों सहारनपुर, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, बाराबंकी व कुशीनगर में दूसरे स्थान पर रही थी। 

दोनों बार कानपुर से कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश जायसवाल दूसरे नंबर पर रहे थे। सहारनपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद 2019 लोकसभा चुनाव में दूसरे तथा 2014 लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे। पार्टी कानपुर में अपना दावा बरकरार रखने के साथ ही बसपा छोड़कर कांग्रेस में वापस आए इमरान मसूद पर भी फिर दांव लगाना चाहेगी।

पूर्व सांसद रवि वर्मा को मिल सकता है मौका

इसके अलावा कांग्रेस वाराणसी व लखीमपुर खीरी की सीट भी अपने पास रखने का प्रयास करेगी। 2014 व 2019 दोनों लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय तीसरे स्थान पर रहे थे। लखीमपुर खीरी सीट से कांग्रेस बीते दिनों सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व सांसद रवि वर्मा अथवा उनकी बेटी डाॅ. पूर्वी वर्मा को मैदान में उतारने के लिए अपना दावा कर सकती है। 

2009 के लोकसभा चुनाव में लखीमपुर खीरी से कांग्रेस के जफर अली नकवी ने जीत दर्ज की थी। रवि वर्मा की पिछड़ों में अच्छी पकड़ है, जो इस बार कांग्रेस की राह आसान कर सकती है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की दावेदारी कितनी सीटों पर होगी, इसका निर्णय जल्द हो जाएगा।

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