Lok Sabha Elections: क्या पुरानी सीट से ही चुनाव लड़ेंगे अखिलेश? आईएनडीआईए में सपा ने तय कर लिए अपने उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए के सहयोगी दलों में भले ही अभी सीटों का बंटवारा न हुआ हो किंतु समाजवादी पार्टी ने करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर अपने संभावित उम्मीदवार लगभग तय कर लिए हैं। आजमगढ़ लोकसभा सीट से एक बार फिर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव लड़ सकते हैं। सपा मुखिया को मुस्लिम व यादव बहुल आजमगढ़ सीट अब ज्यादा मुफीद लग रही है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए के सहयोगी दलों में भले ही अभी सीटों का बंटवारा न हुआ हो किंतु समाजवादी पार्टी ने करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर अपने संभावित उम्मीदवार लगभग तय कर लिए हैं।
आजमगढ़ लोकसभा सीट से एक बार फिर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव लड़ सकते हैं। कन्नौज से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में जुटे सपा मुखिया को मुस्लिम व यादव बहुल आजमगढ़ सीट अब ज्यादा मुफीद लग रही है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वे यहीं से सांसद चुने गए थे।
मुस्लिम मतों में बिखराव बना सपा की हार का कारण
यूं तो आजमगढ़ लोकसभा सीट सपा के लिए पहले से मजबूत रही है, यहां पर वर्ष 2014 व 2019 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद साइकिल सरपट दौड़ी थी। वर्ष 2014 में मुलायम सिंह यादव व 2019 में अखिलेश यादव चुनाव जीते थे।
2022 का विधानसभा चुनाव करहल से जीतने के बाद अखिलेश ने आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। रिक्त सीट पर हुए उपचुनाव में अखिलेश ने अपने चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव को मैदान में उतारा था।
भाजपा ने यहां पर दिनेश लाल यादव निरहुआ को टिकट दिया था। तीसरे प्रत्याशी बसपा के गुड्डू जमाली मैदान में थे। त्रिकोणीय लड़ाई में मुस्लिम मतों में बिखराव हुआ और यही सपा की हार का कारण बना।
डेढ़ दर्जन संभावित उम्मीदवारों के नाम तय
अखिलेश अपने मूल मतदाता यादव-मुस्लिम में बिखराव को बचाने के लिए यहां से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। कन्नौज से भी अखिलेश चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, किंतु आजमगढ़ के राजनीतिक समीकरण उन्हें कहीं अधिक सुरक्षित लग रहे हैं। यहां के सभी पांचों विधायक सपा के हैं। कन्नौज से पिछला लोकसभा चुनाव अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव हार चुकी हैं।
इसके साथ ही सपा अब तक करीब डेढ़ दर्जन संभावित उम्मीदवारों के नाम लगभग तय कर चुकी है। मैनपुरी से एक बार फिर डिंपल यादव अपने ससुर मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत संभालेंगी। घोसी से सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव राय चुनाव लड़ सकते हैं।
इन चेहरों पर बनी सहमति
फतेहपुर से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, फर्रुखाबाद से डॉ. नवल किशोर शाक्य, बदायूं से धर्मेन्द्र यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, अंबेडकरनगर से लालजी वर्मा, फैजाबाद से अवधेश प्रसाद, कौशांबी से इंद्रजीत सरोज, उन्नाव से अनु टंडन के नाम पर सहमति बन गई है।
मुरादाबाद से एसटी हसन, बस्ती से राम प्रताप चौधरी, गोरखपुर से काजल निषाद, गाजीपुर से अफजाल अंसारी और सलेमपुर से रमाशंकर विद्यार्थी का टिकट लगभग पक्का है। लखनऊ से विधायक रविदास मेहरोत्रा भी चुनाव लड़ सकते हैं।