Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

जयंत के NDA में शामिल होने से पश्चिमी यूपी में बदलेंगे सियासी समीकरण, सपा-कांग्रेस सीट बंटवारे पर फिर होगा मंथन

Loksabha Election विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए से राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के छिटकने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर समीकरण बदलेंगे। नई परिस्थितियों में सहारनपुर व अमरोहा समेत कुछ अन्य सीटें कांग्रेस के हिस्से में आने की उम्मीद भी बढ़ गई है। रालोद के हटने से सपा व कांग्रेस मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को लेकर नए सिरे से मंथन होगा।

By Alok Mishra Edited By: Abhishek Pandey Updated: Fri, 09 Feb 2024 11:09 PM (IST)
Hero Image
जयंत के NDA में शामिल होने से पश्चिमी यूपी में बदलेंगे सियासी समीकरण, सपा-कांग्रेस सीट बटवारे पर फिर होगा मंथन

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए से राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के छिटकने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर समीकरण बदलेंगे। नई परिस्थितियों में सहारनपुर व अमरोहा समेत कुछ अन्य सीटें कांग्रेस के हिस्से में आने की उम्मीद भी बढ़ गई है।

रालोद के हटने से सपा व कांग्रेस मुस्लिम बहुल सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को लेकर नए सिरे से मंथन होगा। हालांकि गठबंधन से रालोद के छिटकने का लेकर कांग्रेस नेता चुप्पी साधे हैं। माना जा रहा है कि इसके पीछे पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का इशारा है।

राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होंगे अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव 16 फरवरी को आ रही राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने की बात कह चुके हैं। ऐसे में कांग्रेसी ऐसा कोई बयान देने से बच रहे हैं, जो सपा के लिए असहज हो। रालोद के भाजपा के साथ हाथ मिलाने की चर्चा शुरू होने के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने दो दिन पूर्व यह जरूर कहा था कि इससे विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

सपा के साथ कांग्रेस का बहुत अच्छा तालमेल बताया था। सपा ने विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस को 11 सीटे देने की बात कही थी। जबकि कांग्रेस लभगभ डेढ़ दर्जन सीटें अपने हिस्से में चाह रही है। नए समीकरणों में कांग्रेस अपने लिए सीटे बढ़ाने का दबाव जरूर बनाएगी। ऐसे में सपा द्वारा घोषित की जा चुकी कुछ सीटों में भी फेरबदल होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है।

इसे भी पढ़ें: शिवपाल का CM योगी पर पलटवार, बोले- 'जैसे सदन में चल रहा हो चाचा पर चर्चा कार्यक्रम'; 'रामराज्य का विरोध...'