चीयर्स! लखनऊ में तैयार स्वाद और सेहत का कॉकटेल, क्या आपने किया TRY
लखनऊ में तैयार हुई प्रो हेल्थ बेल महुआ मैैंगो और शहद वाइन। कम एल्कोहल वाले फ्रूट ड्रिंक्स एपल साइडर गुआवा साइडर आंवला साइडर और बेल साइडर भी।
By Anurag GuptaEdited By: Updated: Fri, 22 Mar 2019 08:58 AM (IST)
लखनऊ, [पवन तिवारी]। ऐ जौक देख दुख्तर-ए-रज को न मुंह लगा, छुटती नहीं है मुंह से ये काफर लगी हुई। शायर जौक ने सौ टके की बात कही थी। छुटती नहीं मुंह से ये काफर लगी हुई। लेकिन, अब छूटेगी, क्योंकि बाजार में प्रो-हेल्थ यानी सेहत को नुकसान न पहुंचाने वाले ड्रिंक्स सुलभ होंगे। तो चीयर्स.... एक जाम सेहत के नाम। लखनऊ में ऐसी वाइन बनाई गई है जो लो-एल्कोहलिक है। आम, अमरूद, बेल, आंवला जैसे अमृत फलों से तैयार। बेल वाइन, महुआ वाइन, मैंगो वाइन। इसके अलावा एल्कोहल की बेहद कम मात्रा वाला आसव यानी साइडर भी तैयार किया गया है। गुआवा साइडर, एपल साइडर, आंवला साइडर और बेल साइडर। ये फ्रूट ड्रिंक्स सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैैं।
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआइएसएच) के पोस्ट हारवेस्ट मैनेजमेंट यानी तोड़ाई उपरांत प्रबंधन विभाग ने साइडर और वाइन तैयार की हैै। इसमें फ्रूट बेस्ड वाइन को प्रमुखता दी गई है। इसके अलावा शहद की वाइन भी तैयार की गई है। बाजार में अभी एपल साइडर उपलब्ध है। इसे लेडीज वाइन या स्वीट वाइन भी कहते हैैं। अब लखनऊ में गुआवा साइडर, आंवला साइडर, और बेल साइडर तैयार किया गया है।
यहां आंवला साइडर बनाने की टेक्नोलॉजी जगदीशपुर, अमेठी स्थित सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड एन्टरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट को तीन लाख रुपये में हस्तांतरित की गई है।सीआइएसएच के निदेशक डॉ. शैलेंद्र राजन बताते हैैं कि सैक्रोमाइसेस सेरेविसि नाम की खमीर (यीस्ट) के जरिए फर्मेंंटेशन से वाइन और साइडर तैयार करते हैैं। यह फल संरक्षण का एक पारंपरिक तरीका है। चूंकि, अंगूर वाइन और एपल (सेब) साइडर के अलावा फर्मेेंटेड फ्रूट ड्रिंक्स अभी तक बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए हमने आंवला, बेल, शहतूत और शहद इत्यादि के ड्रिंक्स तैयार किए हैैं।
ऐसे होती है फायदेमंद
शराब में ज्यादा मात्रा में एल्कोहल होता है, इसलिए इसमें कोई पोषण लाभ नहीं होता है। संस्थान में तैयार उत्पाद विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा मौजूद होने के कारण सेहत के लिए बेहतर होते हैं। फर्मेंटेड फ्रूट ड्रिंक्स पोषण से भरपूर, सुपाच्य, ताजगी से भरे-पूरे तथा स्फूर्तिदायक होते है। एपल साइडर लोकप्रिय, कम (3-7 प्रतिशत)एल्कोहलयुक्त वाला पेय है। यह विदेशों में खासा लोकप्रिय है। अपने देश में आंवला, अमरूद और बेल की अच्छी पैदावार होती है। संस्थान में स्वादिष्ट, पौष्टिक एवं कम एल्कोहलयुक्त फर्मेंटेड ड्रिंक्स बनाए गए। खास बात यह है कि ये सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है। इसके लिए रिसर्च का काम डॉ. नीलिमा गर्ग की अगुआई में किया गया। चीफ टेक्निकल ऑफिसर संजय कुमार बताते हैैं कि बेल, महुआ या आम से वाइन को क्लीयर करने के लिए बाकायदा उसकी एजिंग भी करते हैैं।
फर्मेंटेशन क्या है?फर्मेंटेशन या किण्वन शीघ्र खराब होने वाले खाद्य पदार्थों के संरक्षण की एक सस्ती एवं उपयोगी विधि है। यह दुनिया की प्राचीनतम खाद्य संरक्षण तकनीक है। फर्मेंटेड ड्रिंक्स का उत्पादन 7000 वर्ष पहले बेबीलोन (इराक) में 5000 साल पहले, मिस्र में 4000 वर्ष पहले तथा 3500 वर्ष पहले सूडान में हो चुका था। पुरातत्व वैज्ञानिकों के शोध से यह पता चला है कि चीनी लोग 9000 वर्ष पहले यीस्ट की सहायता से वाइन और बीयर बनाते थे।
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