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लखनऊ में तीन साल से खड़ेे-खड़े धूल गर्दा खा रही एसी डबल डेकर ट्रेन, इसके संचालन में रेलवे को काेई रुचि नहीं

लखनऊ में ऐशबाग कोचिंग डिपो में एसी डबल डेकर ट्रेन तीन साल से खड़ी है। रेलवे इसका संचालन नहीं कर पा रहा है। डबल डेकर का रैक 40.04 करोड़ रुपये में तैयार हुआ था। यात्रियों की जगह मौरंग की बोरियां सीटों पर रखी गईं हैं।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 18 Apr 2022 02:50 PM (IST)
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ऐशबाग कोचिंग डिपो में एसी डबल डेकर ट्रेन तीन साल से खड़ी है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। देश की पहली एसी डबल डेकर ट्रेन तीन साल से खड़ी हुई है। इस ट्रेन को चलाने के लिए रेलवे की ओर से ग्रीन सिग्नल नहीं मिल पा रहा है। दरअसल, रेलवे डबल डेकर को चलाने के लिए रूचि ही नहीं ले रहा है। डबल डेकर का रैक 40.04 करोड़ रुपये में तैयार हुआ था। अब इस 40.04 करोड़ रुपये की बोगियां ऐशबाग कोचिंग डिपो में खड़े-खड़े कबाड़ बन रही हैं।

एसी डबल डेकर ट्रेन का ट्रायल अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन (आरडीएसओ) ने किया था। लिंक हाफमैन बुश तकनीक वाली बोगियों को 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से दौड़ाकर इसका स्पीड ट्रायल किया गया। यात्रियों की जगह मौरंग की बोरियां सीटों पर रखी गईं हैं। एसी डबल डेकर में नीचे और ऊपर सीटें रहती हैं। रेल कोच फैक्ट्री से डबल डेकर का पहला रैक तैयार हुआ तो इसे पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल को आवंटित किया गया।

पहले इस ट्रेन को लखनऊ जंक्शन से गोरखपुर तक चलाने की तैयारी थी। इसे बाद में लखनऊ जंक्शन से बरेली होकर नई दिल्ली के बीच चलाया गया। रेलवे बोर्ड ने बाद में एसी डबल डेकर को दिल्ली-जयपुर डबल डेकर से लिंक करने का निर्णय लिया। साहिबाबाद में ट्रायल के बाद इसे जयपुर तक चलाने का आदेश दिया गया, लेकिन रेलवे बोर्ड का यह आदेश लागू ही नहीं हो सका।

इस बीच वर्ष 2019 में रेलवे ने डबल डेकर को निरस्त करना शुरू कर दिया। दिसंबर में कोहरे के नाम पर यह ट्रेन निरस्त हो गयी। मार्च 2020 में संपूर्ण लाक डाउन लग गया। इसके बाद जब स्पेशल ट्रेनें चली तो भी डबल डेकर का उपयाेग नहीं किया गया। पिछले महीने होली पर दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट रही। कई यात्रियों को कन्फर्म सीटें नहीं मिल सकी। ऐसे में भी रेलवे ने डबल डेकर का संचालन शुरू ही नहीं किया। अब अप्रैल आने पर ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट बढ़ रही है। डबल डेकर अब तक शुरू नहीं हो सकी है।

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