Ayodhya Ram Navmi 2022: एक क्विंटल पंचामृत से होगा रामलला का भव्य अभिषेक, लगेगा सिंघाड़ा और कुट्टू के पंंजीरी का विशेष भोग
Ayodhya Ram Navmi 2022 राम जन्मोत्सव पर रामलला का एक क्विंटल पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा। रामलला को पीले रंग की पोशाक पहनाई जाएगी। सूखी धनिया रामदाना एवं सिंघाड़ा और कुट्टू के आटे से निर्मित ढाई क्विंटल पंजीरी के साथ रामलला को छप्पन भोग अर्पित किया जाएगा।
By Vrinda SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 10 Apr 2022 01:01 PM (IST)
अयोध्या, [रघुवरशरण]। राम जन्मोत्सव आज दोपहर में मनाया जाएगा। चैत्र शुक्ल नवमी को मनाया जाने वाला राम जन्मोत्सव हर साल आस्था का केंद्र होता है। लेकिन इस बार राम जन्मोत्सव की रौनक शिखर का स्पर्श करने वाली होगी। यह संभावना रामनवमी की पूर्व संध्या से ही प्रशस्त हो रही है।
दो अप्रैल को चैत्र नवरात्र की शुरुआत के साथ ही राम जन्मोत्सव का उल्लास भी दिखने लगा था। शनिवार की शाम तक इसमें कई गुना की वृद्धि हो गई। अयोध्या में मठ- मंदिर, सार्वजनिक स्थल एवं मार्ग श्रद्धालुओं से पटे हुए हैं। श्रद्धालु भीड़ के दबाव एवं कठिनाइयों की चिंता किए बिना रामनगरी की ओर बढ़ते आ रहे हैं। मंदिरों और धर्मशालाओं के कक्ष गत दो-तीन दिनों से ही भर गए हैं। रामजन्मोत्सव की पूर्व संध्या तक मंदिरों के प्रांगण, पार्कों, स्टेशनों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी भक्तों का डेरा जम गया है। बस उन्हें आज की प्रतीक्षा है।
तड़के से सरयू स्नान का क्रम शुरू हो गया। मध्याह्न तक सरयू स्नान का सिलसिला थमेगा, तो मंदिरों में राम जन्मोत्सव की रौनक बिखरेगी। आज रामनवमी के मौके पर रामनगरी में तिल तक रखने की जगह नहीं है। रामजन्मभूमि, कनक भवन, हनुमानगढ़ी जैसे प्रमुख मंदिरों सहित पुण्य सलिला सरयू से जुड़ते मार्गों पर शनिवार की प्रथम बेला से ही श्रद्धालुओं का ज्वार प्रवाहित हो रहा है।
सामान्य दिनों में 10 हजार के इर्द-गिर्द रहने वाली रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या शुक्रवार को 51 हजार के ऊपर जा पहुंची। शनिवार को देर शाम तक यह संख्या और अधिक होने का अनुमान है। समझा जाता हैै कि रविवार को रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या न केवल एक लाख का मानक पार करेगी, बल्कि एक दिन में रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या का कीर्तिमान भी बनेगा। अभी तक यह कीर्तिमान इसी वर्ष एक जनवरी के नाम है। तब एक लाख 16 हजार श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन किया था।
रामलला के प्रति आस्था का आरोह नौ नवंबर 2019 को ही प्रवर्तित हुआ, जब रामलला के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आया। आस्था की उत्कर्ष यात्रा पांच अगस्त 2020 को ऐतिहासिक पड़ाव से भी होकर आगे बढ़ी, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। राम मंदिर निर्माण के रूप में असंभव को संभव होते देख रामभक्तों का आह्लाद अवर्णनीय प्रतीत हो रहा था, लेकिन कोरोना संकट के चलते यह आह्लाद अभिव्यक्त नहीं हो पा रहा था।
गत वर्ष का दीपोत्सव, रामनगरी की 14 कोसी एवं पंचकोसी परिक्रमा एवं आंग्ल नव वर्ष के साथ चरम की ओर बढ़ती आस्था राम जन्मोत्सव के अवसर पर रविवार को स्वर्ण शिखर का स्पर्श करने का तैयार लग रही है। आस्था की उत्कर्ष यात्रा इतने पर ही थमने वाली नहीं है। विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा कहते हैं, अभी तो भव्य राम मंदिर एवं दिव्य रामनगरी निर्माणाधीन है। अगले दो-तीन वर्षों में जब यह निर्माण पूर्ण होगा, तब राम जन्मोत्सव के शिखर की कल्पना की जा सकती है।
एक क्विंटल पंचामृत से होगा रामलला का अभिषेक : राम जन्मोत्सव के मौके पर रामलला का एक क्विंटल पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा। अभिषेक के बाद रामलला को पीले रंग की पोशाक पहनाई जाएगी। सूखी धनिया, रामदाना एवं सिंघाड़ा और कुट्टू के आटे से निर्मित ढाई क्विंटल पंजीरी के साथ रामलला को छप्पन भोग अर्पित किया जाएगा।श्रीराम के शील-औदार्य का प्रसाद प्राप्त करें : रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास ने अपने संदेश में श्रद्धालुओं से अपेक्षा की है कि वे श्रीराम की कृपा-करुणा के साथ श्रीराम के शील, औदार्य और पराक्रम का प्रसाद भी प्राप्त करें और वे पूरी दुनिया में उच्चतर मानवता की प्रतिष्ठा के अभियान का नेतृत्व कर सकें।
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