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Allahabad High Court News: लखनऊ बेंच ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कम्पनी पर लगाया हर्जाना, जान‍िए क्‍या है मामला

कमेटी ने उक्त बीमा योजना के तहत एक मृतक के आश्रितों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। याचिका में कहा गया कि 45 दिनों में मृतक के आश्रितों ने आय प्रमाण पत्र नहीं जमा किया लिहाजा उन्हें मुआवजा पाने का अधिकार नहीं है।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Mon, 26 Jul 2021 10:05 PM (IST)
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शहीद पथ एयरपोर्ट फ्लाई ओवर निर्माण पर कोर्ट ने मांगा जवाब।
लखनऊ, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के तहत मुआवजा देने के जिला रिव्यू कमेटी के आदेश को चुनौती देने के मामले में बिना विचार किए याचिका दाखिल करने पर ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। यह आदेश जस्टिस रितुराज अवस्थी और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की याचिका पर दिया। इंश्योरेंस कंपनी ने जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला रिव्यू कमेटी, अंबेडकर नगर द्वारा पारित 15 जून 2020 के आदेश को चुनौती दी थी।

उक्त आदेश में कमेटी ने उक्त बीमा योजना के तहत एक मृतक के आश्रितों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। याचिका में कहा गया कि 45 दिनों में मृतक के आश्रितों ने आय प्रमाण पत्र नहीं जमा किया लिहाजा उन्हें मुआवजा पाने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याची कंपनी द्वारा बीमा योजना के तहत किए गए करार में स्पष्ट उल्लेख है कि जिला रिव्यू कमेटी का आदेश अंतिम होगा। कंपनी एक माह में आदेश का अनुपालन करते हुए मुआवजे का चेक जिलाधिकारी के समक्ष जमा कर देगी जिसे जिलाधिकारी लाभार्थी को प्रदान करेंगे। कोर्ट ने कहा कि करार में यह भी है कि अपूर्ण दस्तावेजों की दशा में भी कमेटी का निर्णय अंतिम और कंपनी के लिए बाध्यकारी होगा। इन टिप्पणियों के साथ कोर्ट ने याची कंपनी पर हर्जाना लगाने के साथ-साथ एक माह में मुआवजे की रकम के भुगतान का भी आदेश दिया है।

शहीद पथ एयरपोर्ट फ्लाई ओवर निर्माण पर कोर्ट ने मांगा जवाब

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि अमर शहीद पथ से चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के बीच प्रस्तावित फ्लाई ओवर का काम कब तक पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने इस संबंध में दाखिल जनहित याचिका पर भी निर्देश प्राप्त करने का आदेश राज्य सरकार के अधिवक्ता को दिया है।

यह आदेश जस्टिस रितुराज अवस्थी और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने सुनील कुमार सिंह की याचिका पर पारित किया। याचिका में उक्त फ्लाई ओवर को पूरा कराने का आदेश देने के साथ-साथ फ्लाई ओवर के निर्माण की लागत तीन गुना बढ़ जाने व निर्माण में देरी का मुद्दा भी उठाया गया है। याचिका में इन मुद्दों पर जिम्मेदारी तय करते हुए, संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध यथोचित कार्रवाई की भी मांग की गई है। मामले की अगली सुनवाई दो अगस्त को होगी।

पीएफ घोटाला के आरोपित मनोज अग्रवाल की जमानत 

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला मामले के आरोपित मनोज अग्रवाल की जमानत याचिका मंजूर कर ली है। यह आदेश जस्टिस सौरभ लवानिया की एकल पीठ ने मनोज अग्रवाल की जमानत याचिका पर पारित किया। याची के अधिवक्ता राघवेंद्र पांडेय ने दलील दी कि याची इस मामले में सात दिसंबर 2019 से जेल में है। उस पर दो फर्जी कम्पनियां बनाकर कर्मचारियों के पीएफ फंड का पैसा निवेश कराने के बदले में उक्त कम्पनियों के खाते में चार करोड़ रुपये का कमीशन प्राप्त करने का आरोप है। जबकि वास्तव में याची स्वयं धोखाधड़ी और साजिश का पीडि़त है। यह भी दलील दी गई कि सीबीआई अब तक मामले की विवेचना पूरी नहीं कर सकी है। अब तक इस मामले में मुख्य आरोपित एपी मिश्रा समेत सह-अभियुक्त अमित प्रकाश, इशांत अग्रवाल, संजय कुमार, अभिनव गुप्ता, विकास चावला को जमानत मिल चुकी है।

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