Lucknow News in Hindi पोस्टमार्टम में गले पर धारदार हथियार से काटे जाने की पुष्टि हुई। साथ ही चेहरे और पूरे शरीर पर चोटें मिलीं। इसरार अहमद ने बताया कि रात में सहाबुद्दीन को कर्मचारी अबू उस्मान कहीं लेकर निकला था। उसके बाद दोनों नहीं लौटे। देर रात उसके पास सहाबुद्दीन का फोन आया तो दोनों के बीच झगड़े की बात सुनाई दे रही थी।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। बेकरी कारोबारी 35 वर्षीय शहाबुद्दीन की शुक्रवार देर रात गला रेतकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद शव पक्का पुल के पास गोमती नदी में फेंका गया। परिवारीजन ने कर्मचारी पर हत्या का आरोप लगाते हुए मदेयगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
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हाबुद्दीन मूल रूप से बहराइच के हुजूरपुर कटका मरौठा के रहने वाले थे। कुछ माह से यहां मदेयगंज में किराये पर रह रहे थे। खदरा में रामलीला मैदान के पास नाइस केक के नाम से बेकरी का कारखाना चला रहे थे। शनिवार सुबह पुलिस ने शव को नदी से निकलवाया।
गले में किया गया धारदार हथियार से तेज वार
मोबाइल में मिले सिम से परिवारीजन को फोन कर सूचना दी। बहराइच के रहने वाले सुल्तान शेख मंसूरी ने बताया कि यह उनका छोटा भाई है। बेकरी कर्मचारी इसरार अहमद भी पहुंच गया।
पोस्टमार्टम में गले पर धारदार हथियार से काटे जाने की पुष्टि हुई। साथ ही चेहरे और पूरे शरीर पर चोटें मिलीं। इसरार अहमद ने बताया कि रात में सहाबुद्दीन को कर्मचारी अबू उस्मान कहीं लेकर निकला था। उसके बाद दोनों नहीं लौटे। देर रात उसके पास सहाबुद्दीन का फोन आया तो दोनों के बीच झगड़े की बात सुनाई दे रही थी।
रूपये जुटाकर शुरू किया था कारखाना
फिर सहाबुद्दीन और उस्मान का मोबाइल स्विच आफ हो गया। सुल्तान के मुताबिक रुपयों को लेकर अबू उस्मान से भाई का विवाद भी चल रहा था। भाई ने अबू उस्मान से 40 हजार रुपये उधार लिए थे। कुछ रुपये उसके पास खुद के थे। इसके अलावा इधर उधर से रुपये जुटाकर उसने बेकरी का कारखाना शुरू किया था।
अबू उस्मान को सात हजार रुपये प्रति माह पर नौकरी पर रखा था, लेकिन खुद को पार्टनर मानता था। इस बात को लेकर अक्सर दोनों में झगड़ा होता था। अबू उस्मान ने भाई को मार दी। मदेयगंज इंस्पेक्टर राजेश सिंह ने बताया कि हत्यारोपित की तलाश में दबिश दी जा रही है।
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