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Lucknow: असुरक्षित सेक्‍स बेहद खतरनाक, बढ़ जाता सिफिलिस का खतरा; केजीएमयू के विशेेषज्ञों ने दिए बचाव के टिप्‍स

Lucknow असुरक्षित शारीरिक संबंध आपकी जान जोखिम में डाल सकती है। यह बात एचआइवी की ओर ही नहीं इशारा कर रही है। असुरक्षित शारीरिक संबंध स्थापित करने के कारण ही लोग सिफिलिस की चपेट में आ रहे हैं।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 01 Sep 2022 07:35 AM (IST)
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असुरक्षित सेक्‍स करने से बढ़ जाता सिफिलिस का खतरा।

लखनऊ, [पुलक त्रिपाठी]। असुरक्षित शारीरिक संबंध आपकी जान जोखिम में डाल सकती है। यह बात एचआइवी की ओर ही नहीं इशारा कर रही है। असुरक्षित शारीरिक संबंध स्थापित करने के कारण ही लोग सिफिलिस की चपेट में आ रहे हैं। किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में रक्तदान के लिए आए लोगों के नमूनों की जांच में कुछ ऐसे ही चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

बीते दिनों रक्तदान से पहले रक्तदाताओं की सैंपल जांच में 10 मामले सिफलिड्स के पाए गए हैं। साल 2022 में करीब 50 हजार लोगों की जांच में पांच लोग सिफिलिस की चपेट में मिले हैं। गंभीर बात यह है कि सभी पूरी तरह स्वस्थ थे। इन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं थी। जांच में जिन लोगों में सिफिलिस होने की पुष्टि हुई है, उनका रक्त नहीं लिया गया।

जानें क्या है सिफलिड्स : रक्तदान से पूर्व पांच महत्वपूर्ण जांचे अनिवार्य हैं। यह जानने के लिए कि रक्तदाता द्वारा दिया जा रहा ब्लड संक्रमित तो नहीं? इसके लिए रक्तदान से पहले व्यक्ति की खून की चार तरह ही जांचे होती हैं। इनमें एचआइवी, हैपेटाइटिस सी, एचआइवी व सिफिलिस शामिल हैं। इनमें किसी भी बीमारी की पुष्टि होने पर संक्रमित मरीज के ब्लड काे इस्तेमाल में नहीं लाया जाता।

सिफिलिस भी एचआइवी की तरह असुरक्षित शारीरिक संबंध स्थापित करने से होता है। एचआइवी अभी भी लाइलाज है, मगर सिफिलिस की समय रहते जानकारी होने पर इसका इलाज संभव है।

सिफिलिस के लक्षण : कमजोरी, खून की कमी, बुखार रहना, शरीर के अलग अलग हिस्सों में लिंफनोड, गांठ, प्राइवेट पार्ट में जलन, लाल चकत्ते पड़ना।

बचाव : पार्टनर के साथ ही शारीरिक संबंध रखें। अलग अलग लोगों से शारीरिक संबंध बनाने से बचें। इस दौरान साफ सफाई का बेहद ध्यान रखें।

बीते एक साल के दौरान रक्तदान के लिए आए लोगों के खून के सैंपल जांच में कई लोगों में सिफिलिस की भी पुष्टि हुइ है। इनमें बीमारी से संबंधित किसी तरह के लक्षण नहीं पाए गए। जांच के बाद इन मरीजों को ब्लड नहीं लिया गया। यह बीमारी लाइलाज नहीं है।

समय रहते इसकी जांच और इलाज शुरू न किया गया तो यह जान लेवा भी हो सकती है। सिफिलिस की जांच आसानी से लगभग हर जगह उपलब्ध है। जांच कराने में संकोच कतई न करें। सिफिलिस ग्रसित मरीज का नाम गोपनीय रखा जाता है। - डा. तुलिका चंद्रा, ब्लड बैंक प्रभारी, केजीएमयू

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