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साढ़े पांच साल के 'वनवास' के बाद चारबाग वापस लौटेगी Lucknow Mail, 100 साल से ज्यादा पुराना है सफर

अटल बिहारी वाजपेयी जैसी हस्तियों के सुहाने रेल सफर का इतिहास संजोए वीआइपी ट्रेन एक बार फिर से चारबाग का हिस्सा बनने जा रही है। रेलवे बोर्ड ने 30 जुलाई को लखनऊ मेल (Lucknow Mail) को वापस लखनऊ (चारबाग) स्टेशन शिफ्ट करने का आदेश दे दिया है। इसे 16 नवंबर 2018 को चारबाग से लखनऊ जंक्शन भेज दी गई थी।

By Ajay Srivastava Edited By: Riya Pandey Updated: Wed, 31 Jul 2024 03:43 PM (IST)
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पुराने ठिकाने पर लौटेगी 100 साल पुरानी VIP ट्रेन
राज्य ब्यूरो, लखनऊ।  शतरंज की बिसात जैसा दिखने वाला ऐतिहासिक लखनऊ (चारबाग) रेलवे स्टेशन के सिर का ताज कहें या उसका गर्व। चारबाग स्टेशन को शरीर कहें या लखनऊ मेल को आत्मा। चारबाग और लखनऊ मेल एक दूसरे के बिना अधूरे हैं।

एक बार चारबाग का हिस्सा बनने जा रही वीआइपी ट्रेन

अटल बिहारी वाजपेयी जैसी हस्तियों के सुहाने रेल सफर का इतिहास संजोए वीआइपी ट्रेन एक बार फिर से चारबाग का हिस्सा बनने जा रही है। बस अगले कुछ ही दिन के भीतर लखनऊ मेल का नया ठिकाना लखनऊ जंक्शन नहीं बल्कि चारबाग स्टेशन होगा।

रेलवे बोर्ड ने मंगलवार को लखनऊ मेल को वापस लखनऊ (चारबाग) स्टेशन शिफ्ट करने का आदेश दे दिया है। लखनऊ मेल 16 नवंबर 2018 को चारबाग से लखनऊ जंक्शन भेज दी गई थी।

आज भी वीआइपी यात्रियों की पहली पसंद है लखनऊ मेल

भाप से लेकर डीजल और फिर अब डब्ल्यूएपी-7 श्रेणी के आधुनिक इलेक्ट्रिक इंजन से लखनऊ को नई दिल्ली से जोड़ने वाली लखनऊ मेल आज भी वीआइपी यात्रियों की पहली पसंद है।

मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह जैसी जिन हस्तियां चारबाग स्टेशन पर केवल लखनऊ मेल के लिए ही पहुंचती थी। लखनऊ मेल के चारबाग स्टेशन से हटने के साथ ही यहां एक वीरानी सी छा गई थी।

वापस पाने के लिए रेलवे बोर्ड की पैरवी

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अधिकारी और नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन लखनऊ मेल के रूप में खोया अपना गर्व वापस पाने के लिए लगातार रेलवे बोर्ड से अपील कर रहे थे। बोर्ड ने उनकी मांग को स्वीकार कर लिया और लखनऊ मेल को वापस चारबाग को लौटाने का आदेश दे दिया।

इसलिए भी मुश्किल हो गया था सफर

लखनऊ मेल के लखनऊ जंक्शन पर जाने के बाद भी इसका प्राइमरी अनुरक्षण चारबाग स्टेशन की वाशिंग पिट पर हो रहा था। लखनऊ मेल की शंटिंग दिन में चारबाग स्टेशन पर करना पड़ रहा था। इससे चारबाग स्टेशन के आपरेशन पर प्रभाव पड़ रहा था। वहीं, यात्रियों पर भी कैबवे से जाते समय अपने चारपहिया वाहन का 60 रुपये का शुल्क का भार भी पड़ रहा था।

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ऐसे चली लखनऊ मेल

100 साल से ज्यादा पुराना है लखनऊ मेल का सफर

  • 1955 तक लखनऊ एक्सप्रेस (303/304) के नाम से चली यह ट्रेन
  • 1956 में लखनऊ एक्सप्रेस का नंबर (29/30) हो गया
  • 1964 में नाम लखनऊ मेल और नंबर (4229/4230) हो गया
  • 2005 में सुपरफास्ट का दर्जा मिलते ही लखनऊ मेल का नंबर (12229/12230) हुआ
  • 26 अक्टूबर 2016 को पुराने कोच हटाकर जर्मन तकनीक वाले एलएचबी लगे।
  • भोपाल एक्सप्रेस के बाद आइएसओ
  • 9000 प्रमाणन वाली देश की दूसरी ट्रेन बनी
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