Lucknow: एकतरफा प्यार में महिला समेत दो की हत्या करने वाले गब्बर को फांसी, 11 साल पहले हुई थी जघन्य वारदात
अपर जिला जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने साक्ष्यों के आधार पर गब्बर उर्फ सोहराब अली को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा 5500 रुपये का अर्थदंड भी लगाया। उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा कि अभियुक्त गब्बर उर्फ गब्बर उर्फ सोहराब अली के गले में रस्सी का फंदा बांधकर उसे तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।
लखनऊ, विधि संवाददाता। एकतरफा प्यार में पागल अभियुक्त गब्बर उर्फ सोहराब अली ने 11 साल पहले निरालानगर में रामकृष्ण मिशन मठ मार्ग पर एक महिला और उसके पति के दोस्त ओमप्रकाश को चाकू से गोद डाला था। शोहराब को महिला से एकतरफा प्यार था। बुधवार को अपर जिला जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने साक्ष्यों के आधार पर गब्बर उर्फ सोहराब अली को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा 5500 रुपये का अर्थदंड भी लगाया। उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा कि अभियुक्त गब्बर के गले में रस्सी का फंदा बांधकर उसे तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।
महिला पक्ष से जिला शासकीय अधिवक्ता केके साहू व दुष्यंत मिश्र ने अभियोजन की ओर से 10 गवाहों को पेश किया और फांसी की मांग की थी। उन्होंने न्यायालय को अवगत कराया कि गब्बर को महिला से एकतरफा प्यार था। इसलिए गब्बर ने दिनदहाड़े ताबड़तोड़ चाकू से वार कर दोनों की नृशंस हत्या कर दी थी।
हसनगंज थाने में दर्ज हुई थी रिपोर्ट
जिला शासकीय अधिवक्ता दुष्यंत मिश्र ने बताया कि इस जघन्य हत्याकांड में महिला के पति हरिप्रकाश तिवारी ने हसनगंज कोतवाली में नौ अक्टूबर 2012 को गब्बर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। हरिप्रकाश ने रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए बताया था कि तीन वर्षीय बेटे की तबीयत खराब होने के चलते पत्नी दवा लेने जा रही थी।
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हरिप्रकाश के मुताबिक वह उस समय वह पूजा कर रहे थे, इसलिए पत्नी के साथ उन्होंने अपने मित्र ओमप्रकाश को भेजा था। कुछ देर बाद एक राहगीर ने आकर सूचना दी कि तुम्हारी पत्नी और ओमप्रकाश को रामकृष्ण मिशन मठ जाने वाले मार्ग पर किसी ने ताबड़तोड़ चाकू से वार कर घायल कर दिया है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे तो पत्नी और ओमप्रकाश ने बताया कि हलवासिया में रहने वाले गब्बर उर्फ सोहराब अली ने चाकू से हमला कर घायल किया है। राहगीरों की मदद से दोनों को ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पत्नी को मृत घोषित कर दिया। ओमप्रकाश की 17 अक्टूबर 2012 को मृत्यु हुई थी।
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हत्या के बाद चाकू लहराया, लोगों को धमकाया
अधिवक्ता दुष्यंत के मुताबिक पुलिस की तफ्तीश और लोगों के बयानों के आधार पर पता चला था कि हरिप्रकाश की पत्नी और उसके दोस्त ओम प्रकाश को चाकू से गोदने के बाद अभियुक्त गब्बर ने स्थानीय लोगों में दहशत फैलाने के लिए खुलेआम चाकू लहराया था, जिससे लोग डर गए थे और कोई बचाव के लिए नहीं दौड़ा था। अभियुक्त की निशानदेही पर कत्ल में प्रयुक्त चाकू बरामद किया गया था।