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Lucknow Property Rates : लखनऊ में अवैध प्लाॅटिंग पर अब कसेगा शिकंजा, जिला पंचायत ने ले लिया बढ़ा फैसला- होने जा रही है कार्रवाई

Lucknow Property Rates जिला पंचायत कार्यालय की ओर से डेढ़ सौ से अधिक अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ नोटिस की जा चुकी है लेकिन एससीआर के गठन के बाद से कार्रवाई ठप थी। बता दें कि सरकार का का कहना है कि एससीआर के गठन के बाद इस बड़े भूभाग पर दो करोड़ से अधिक आबादी के लिए सुनियोजित विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर का पथ तैयार होगा।

By Rajeev Bajpai Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sun, 25 Aug 2024 06:22 PM (IST)
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अब अवैध प्लॉटिंग वालों पर कभी भी सख्त कार्रवाई हो सकती है।

राजीव बाजपेयी, लखनऊ। जिला पंचायत कार्यालय ने आवास एवं शहरी विभाग को पत्र लिखकर यह जानना चाहा था कि राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन के बाद क्या ग्रामीण इलाकों में मानचित्र स्वीकृत करने में क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।

चूंकि लखनऊ सहित छह जिलों को मिलाकर राज्य राजधानी क्षेत्र का गठन कर दिया गया है इसलिए स्थिति स्पष्ट करें। इस पर मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक उत्तर प्रदेश अनिल कुमार मिश्र की ओर से 14 अगस्त को अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को इस आशय का पत्र भेजा गया, जिसमें कहा गया है कि राज्य राजधानी क्षेत्र और अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण अध्यादेश की धारा -3 की उपधारा-एक के अधीन अधिसूचित उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत समस्त अभिकरण अपने अधिनियम की व्यस्थानुसार यथावत कार्य करते रहेंगे।

अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी

मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक की ओर से पत्र जारी होने के बाद अब जिला पंचायत फिर से अवैध प्लाटिंग करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। जिला पंचायत कार्यालय की ओर से डेढ़ सौ से अधिक अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ नोटिस की जा चुकी है लेकिन एससीआर के गठन के बाद से कार्रवाई ठप थी।

जिला पंचायत कार्यालय के अपर मुख्य अधिकारी ज्योति दीक्षित का कहना है कि एनसीआर के गठन के बाद से जिला पंचायत के अधिकार क्षेत्र को लेकर असमंजस की स्थिति थी। इसी बात को स्पष्ट करने के लिए जिला पंचायत की तरफ से पत्र भेजा गया था।

27,826 वर्ग किमी क्षेत्रफल को शामिल किया गया

दरअसल इस वर्ष जुलाई में राज्य सरकार ने राज्य राजधानी क्षेत्र का गठन किया था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र में छह जिलों के कुल 27,826 वर्ग किमी क्षेत्रफल को शामिल किया गया है। सरकार का का कहना है कि एससीआर के गठन के बाद इस बड़े भूभाग पर दो करोड़ से अधिक आबादी के लिए सुनियोजित विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर का पथ तैयार होगा। मेट्रो रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम और उपनगरीय बसों जैसी परिवहन सुविधाओं के साथ बड़े स्तर पर सुनियोजित विकास की योजनाओं से औद्योगिक क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा।

एलडीए से भी सीमा विवाद

जिला पंचायत और लखनऊ विकास प्राधिकरण के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर असमंसज की स्थिति बनी हुई है। एलडीए की महायोजना में शामिल गांवों में नक्शा पास कराने को लेकर अभी तक असमंजस है। एलडीए ने अब तक 187 गांव के लिए अधिसूचना जारी की है और जिला पंचायत का कार्यक्षेत्र 481 गांव में है। ऐसे में 120 गांवों में अवैध प्लाटिंग को कौन रोके इस पर भी असमंजस है।

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