यूपी में सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहेगी पढ़ाई, गणित और विज्ञान के प्रयोग करके भी सीखेंगे बच्चे
लखनऊ में अब बच्चों को गणित और विज्ञान प्रयोगों से सीखने का मौका मिलेगा। शिक्षकों को इसके लिए खास प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें उन्हें नई तकनीकें और डिजिटल टूल्स सिखाए जा रहे हैं। मकसद है बच्चों में जिज्ञासा और रचनात्मकता बढ़ाना। यह प्रशिक्षण लखनऊ के उद्यमिता विकास संस्थान में हो रहा है और इसमें यूनिसेफ भी मदद कर रहा है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बच्चों को गणित और विज्ञान अब केवल किताबों से नहीं, बल्कि प्रयोग करके सीखने का अवसर मिलेगा। इसके लिए प्रदेश में विज्ञान और गणित के शिक्षकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण से शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाई का मजा प्रयोगशाला और वास्तविक जीवन से जोड़कर समझा सकेंगे। इस माह से शुरू हुआ प्रशिक्षण चरणबद्ध तरीके से अगले वर्ष मार्च तक चलेगा।
प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर्स से लेकर विद्यालय स्तर तक के शिक्षक शामिल होंगे। उन्हें नई शिक्षण तकनीक, डिजिटल टूल्स, प्रोजेक्ट आधारित सीख, समूह गतिविधियां और प्रयोगशाला में छोटे-छोटे प्रयोगों के माध्यम से पढ़ाने के तरीके सिखाए जा रहे हैं।
इसका मकसद बच्चों में जिज्ञासा, रचनात्मकता और समस्या समाधान क्षमता विकसित करना है। प्रशिक्षण लखनऊ स्थित उद्यमिता विकास संस्थान और दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान में चरणबद्ध ढंग से कराया जा रहा है।
इसमें प्रदेश भर के विज्ञान-गणित शिक्षक, तकनीकी अनुदेशक, डायट मास्टर ट्रेनर्स और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की शिक्षिकाएं भाग ले रही हैं। यह कार्यक्रम समग्र शिक्षा अभियान और पीएम श्री योजना से जुड़े 2274 चयनित विद्यालयों के साथ 3288 नए विद्यालयों तक पहुंचेगा।
खास बात यह है कि इसमें यूनिसेफ और स्टार फोरम-विज्ञान आश्रम तकनीकी साझेदार के रूप में सहयोग कर रहे हैं। इस पहल से शिक्षा को प्रयोगधर्मी और तकनीकी दक्ष बनाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि बच्चे सीखने को जीवन से जोड़ सकें।
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