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Lucknow: सपा सदस्यों ने उठाई जातिवार जनगणना की मांग, किया सदन में हंगामा

विधान परिषद में गुरुवार को समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने जातिवार जनगणना कराए जाने का मुद्दा उठाया। आरोप लगाया कि भाजपा वर्ष 2011 में सपा की मांग पर कराई गई जातिवार जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार पिछड़ा वर्ग के साथ भेदभाव कर रही है और निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ भी नहीं मिल रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Thu, 10 Aug 2023 10:20 PM (IST)
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विधान परिषद में गुरुवार को सपा सदस्यों ने जातिवार जनगणना कराए जाने का मुद्दा उठाया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधान परिषद में गुरुवार को सपा सदस्यों ने जातिवार जनगणना कराए जाने का मुद्दा उठाया। आरोप लगाया कि भाजपा वर्ष 2011 में सपा की मांग पर कराई गई जातिवार जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार पिछड़ा वर्ग के साथ भेदभाव कर रही है और निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ भी नहीं मिल रहा है।

सपा सदस्यों ने इस मुद्दे पर सदन की कार्यवाही रोककर चर्चा कराए जाने की मांग की। नरेश चन्द्र उत्तम ने कहा कि पूर्व में कई बार जातिवार जनगणना कराई गई है। आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के मंत्रियों ने लोगों के बीच जाकर जातीय जनगणना कराए जाने के वादे किए थे पर बाद में मुकर गए। सबसे ज्यादा बहुमत पिछड़ी जाति के लोगों का है और जातीय जनगणना न कराकर उनके साथ भेदभाव हो रहा है।

सपा की मांग पर केशव प्रसाद मौर्य का पलटवार

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सभी जातियों की जनगणना की जानी चाहिए। नेता सदन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तगड़ा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सपा ने सत्ता में रहते हुए कभी पिछड़ों की चिंता नहीं की। अब 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर एजेंडे के तहत इस मांग को उठा रहे हैं। पिछड़े व वंचित वर्ग की सर्वाधिक चिंता भाजपा सरकार ने की है।

जातीय जनगणना राज्य सरकार की नहीं, केंद्र सरकार की विषय वस्तु है। सरकार के जवाब पर असंतोष जताते हुए सपा सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। सपा सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह के आसन के सामने आ गए और जमीन पर बैठ गए। सभापति ने कार्यस्थगन अस्वीकार कर सरकार को आवश्यक कार्यवाही का निर्देश दिया। सभापति ने सपा सदस्यों को शांत कराने का काफी प्रयास किया पर हंगामा जारी रहा। अव्यवस्था व शोर बढ़ने पर सभापति को दोपहर 1:30 बजे पंद्रह मिनट के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा।

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