लखनऊ PGI की डॉक्टर को सात दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर हड़पे 2.81 करोड़ रुपये, जांच में जुटी पुलिस
लखनऊ पीजीआई की डॉ. रुचिका टंडन को मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी केस में फंसाने के नाम पर जालसाजों ने सात दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर उनके बैंक खातों से 2.81 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए। साइबर पुलिस ने मामले की प्रथमिकी दर्ज कर एक खाता ट्रेस करते हुए उसमें ट्रांसफर कराए गए 27.88 लाख रुपये फ्रीज करा दिए हैं।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) की डॉ. रुचिका टंडन को मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी केस में फंसाने के नाम पर जालसाजों ने सात दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर उनके बैंक खातों से 2.81 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए। साइबर पुलिस ने मामले की प्रथमिकी दर्ज कर एक खाता ट्रेस करते हुए उसमें ट्रांसफर कराए गए 27.88 लाख रुपये फ्रीज करा दिए हैं।
पुलिस के अनुसार, डॉक्टर को एक अगस्त को फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को टेलीकाम रेगुलेटरी अथारिटी ऑफ इंडिया का कर्मचारी बताया और कहा, आपके सिम पर कई शिकायतें हैं इसलिए आपके नंबर बंद किए जा रहे हैं।
इसके बाद कर्मचारी ने कहा कि अब आपसे सीबीआई के अधिकारी राहुल यादव बात करेंगे। इसके बाद सीबीआई अधिकारी बने ठग ने डॉक्टर से कहा कि जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग केस में आपके खातों का इस्तेमाल किया गया है। यह भी कहा कि आपके खाते का इस्तेमाल महिलाओं और बच्चों की तस्करी में भी किया गया है। कोर्ट के पास आपके खिलाफ सुबूत हैं।
ठग ने डॉक्टर से कहा कि आपकी गिरफ्तारी करने के लिए कहा गया है, लेकिन मेरे अनुरोध पर अभी आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। ठग ने कहा, आपको प्रापर्टी का पूरा विवरण देना है और पूरा पैसा सरकारी खातों में जमा कराना है ताकि जांच हो सके। इसके बाद ठग ने अलग-अलग बैंकों के सात खातों के नंबर डॉक्टर को भेजे।
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