Lucknow University: काशी विश्वनाथ मंदिर पर विवादित बयान देने वाले शिक्षक ने दी तहरीर, एबीवीपी छात्रों पर जान से मारने का लगाया आरोप
काशी विश्वनाथ मंदिर पर अपने विवादित बयान से चर्चा में आए लखनऊ विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. रविकांत के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो चुकी है। अब उन्होंने भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ छात्र नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी है।
By Vrinda SrivastavaEdited By: Updated: Wed, 11 May 2022 01:56 PM (IST)
लखनऊ, जागरण संवाददाता। काशी विश्वनाथ मंदिर पर अपने विवादित बयान से चर्चा में आए लखनऊ विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. रविकांत के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो चुकी है। अब उन्होंने भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ छात्र नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी है। उसमें जाति सूचक टिप्पणी करने, अपशब्दों का प्रयोग और जान से मारने की धमकी देने के आरोप हैं।
मंगलवार को एसोसिएट प्रोफेसर डा. रविकांत के विवादित बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके विरोध में सुबह से शाम तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते रहे। देर शाम को छात्र नेता अमन दूबे की तहरीर पर हसनगंज पुलिस ने डा. रविकांत के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा ली। इसके बाद देर रात डा. रविकांत ने भी विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता अमन दुबे, प्रणव कांत सिंह, अक्षय प्रताप सिंह, अभिषेक पाठक, अमर वर्मा, आयुष शुक्ला, हिमांशू सहित कई छात्रों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी। जिसमें उन्होंने कहा है कि एबीवीपी के छात्रों व अन्य अराजक तत्वों ने मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर ट्वीटर व अन्य सोशल मीडिया पर प्रसारित कर मेरे विरुद्व नफरत का प्रचार किया।
आरोप है कि छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में जान से मारने का प्रयास किया। मेरे खिलाफ अपशब्द का भी प्रयोग किया। जातिगत टिप्पणी भी की गई। इनके खिलाफ कार्रवाई जाए। उन्होंने अपने ट्ववीटर पर भी इसे शेयर किया है। डा. रवि कांत का कहना है कि पुलिस ने अभी तक एफआरआर नहीं की है।
ये है मामला : बीते शनिवार को एक चैनल पर डिबेट में लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. रविकांत भी शामिल हुए थे। आरोप है कि काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर विवादित बायान दे दिया। मंगलवार को इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते हुए विरोध शुरू हो गया। शिक्षकों ने भी उनकी कड़े शब्दों में निंदा की है।
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