Lulu Mall Lucknow : लुलु माल प्रबंधन ने अफवाहों पर लगाया विराम, बताया कितने प्रतिशत हैं हिंदू तथा मुस्लिम कर्मचारी
Lulu Mall Controversy latest Updates लखनऊ में खुले उत्तर भारत के सबसे बड़े शापिंग माल लुलु माल प्रबंधन ने रविवार को अपने कर्मचारियों की संख्या के प्रतिशत के साथ ही पुरुष तथा महिला कर्मियों के धार्मिक अनुपात का भी प्रतिशत जारी कर दिया है।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sun, 17 Jul 2022 05:08 PM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दस जुलाई को उद्घाटन के बाद से ही चर्चा में चल रहे लुलु माल प्रबंधन ने बड़ी अफवाह पर रविवार को विराम लगा दिया है। चर्चा थी कि इसमें 1500 मुस्लिम पुरुष कर्मी हैं और पांच सौ हिंदू महिला कर्मी हैं। मामला इसके उलट ही है।
लखनऊ में खुले उत्तर भारत के सबसे बड़े शापिंग माल लुलु माल प्रबंधन ने रविवार को अपने कर्मचारियों की संख्या के प्रतिशत के साथ ही पुरुष तथा महिला कर्मियों के धार्मिक अनुपात का भी प्रतिशत जारी कर दिया है। लुलु माल प्रबंधन का यहां पर कार्यरत अपने सभी कर्मचारियों के धर्म को लेकर रविवार को पहला बयान आया है। लुलु माल प्रबंधन ने साफ कहा है कि हमारे प्रतिष्ठान में 80 प्रतिशत से अधिक हिंदू तथा शेष में शेष में मुस्लिम, ईसाई और अन्य वर्ग से कर्मचारी कार्यरत हैं। इतना ही नहीं महिला कर्मियों में भी हिंदू के साथ अन्य धर्म की भी महिला कर्मचारी कार्यरत हैं।
लुलु इंडिया शापिंग माल प्राइवेट लिमिटेड के क्षेत्रीय निदेशक जयकुमार गंगाधर ने बयान जारी किया है। इनमें बताया गया है कि लुलु माल पूर्ण रूप से व्यावसायिक प्रतिष्ठान है। यह बिना किसी जाति, धर्म, मत या फिर संप्रदाय का भेद किए बिना अपना व्यवसाय करता है। इसी तरह से हमारे प्रतिष्ठान में सभी कर्मियों को जाति, मत, मजहब या संप्रदाय के आधार पर नहीं बल्कि उनकी योग्यता, मेरिट, कार्यकुशलता तथा उनके अनुभव के आधार पर रखा जाता है। यह निहायत ही दुखद है कि कुछ स्वार्थी तत्व हमारे प्रतिष्ठान को निशाना बनाने के प्रयास में लगे हैं।
गंगाधर ने आगे कहा है कि हमारे यहां पर जितने की कर्मी हैं वो स्थानीय, उत्तर प्रदेश और देश के अन्य राज्य से भी हैं। इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक हिंदू हैं। इसके अलावा अन्य में मुस्लिम, इसाई तथा सिख भी हैं। उन्होंने कहा कि हमारे प्रतिष्ठान में किसी भी व्यक्ति को धार्मिक गतिविधि का संचालन करने की जरा सी भी छूट नहीं है। जिन भी लोगों ने सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढऩे या फिर सुंदर कांड या हनुमान चालीसा का पाठ करने की कुचेष्टा की है, उनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
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