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Madurai Train Accident : लखनऊ में सावधानी हटी, मदुरै में दुर्घटना घटी; इस तरह प्लेटफॉर्म पहुंच गया था सिलिंडर

मदुरै यार्ड में खड़ी प्राइवेट बुक की हुई बोगी में एलपीजी सिलिंडर के फटने से 10 यात्रियों की मौत हो गई है। इस बोगी को 4.56 लाख रुपये में आइआरसीटीसी के माध्यम से सीतापुर की भसीन टूर एंड ट्रैवल्स ने बुक कराया था। बोगी में कुल 63 यात्री सवार थे। टूर एंड ट्रैवल्स ने अपना खर्चा बचाने के लिए तीन कुक के साथ खानपान की सामग्री भी रवाना की।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Sat, 26 Aug 2023 05:30 PM (IST)
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Madurai Train Accident : बोगी में सिलिंडर कहां से आया यह जांच का विषय
Madurai Train Accident - जागरण संवाददाता, लखनऊ : प्राइवेट बोगी लगाने के लिए रेलवे ने लखनऊ में चेन्नई एक्सप्रेस (Lucknow Chennai Express) का प्लेटफार्म बदल दिया। दो नंबर की जगह ट्रेन को कैवबे वाले प्लेटफार्म नंबर छह पर भेजा गया। यहां बिना किसी जांच के बसों से यात्री सीतापुर से कैबवे होते हुए अपनी बोगी तक पहुंच गए।

रेलवे सुरक्षा बल (Railway Security Force) के जवानों ने उनके लिए बोगी में रखे जाने वाले सामानों की जांच तक नहीं की। यहीं कारण है कि लखनऊ से एलपीजी सिलिंडर चढ़ा और हादसा मदुरै (Madurai Train Accident) में हो गया।

मदुरै यार्ड में खड़ी प्राइवेट बुक की हुई बोगी में एलपीजी सिलिंडर के फटने से 10 यात्रियों की मौत हो गई है। इस बोगी को 4.56 लाख रुपये में आइआरसीटीसी के माध्यम से सीतापुर की भसीन टूर एंड ट्रैवल्स (Bhasin Tour & Travel) ने बुक कराया था। बोगी में कुल 63 यात्री सवार थे।

टूर एंड ट्रैवल्स ने अपना खर्चा बचाने के लिए तीन कुक के साथ खानपान की सामग्री भी रवाना की। इसी के साथ एलपीजी सिलिंडर भी भेजा गया। लखनऊ जंक्शन (Lucknow Junction) के मुख्य स्टेशन परिसर के दोनों गेट पर लगे मेटल डिटेक्टर और लगेज स्कैनर खराब पड़े हैं। कैबवे से जाने वाले वाहनों से पूर्वोत्तर रेलवे कमाई करता है। इसी कमाई के चक्कर में कैबवे से बस सीधे प्लेटफार्म तक पहुंची।

रेलवे एक्ट भी टूटा

लखनऊ जंक्शन पर हुई इस लापरवाही से रेलवे एक्ट 1989 की धारा 164 का भी उल्लंघन किया गया है। ट्रेन में ज्वलंतशील पदार्थ लेकर सफर करते पकड़े जाने पर रेलवे एक्ट की धारा 165 के तहत एक हजार रुपये जुर्माना या तीन साल की सजा अन्यथा दोनों का ही प्राविधान है।

ऐसे हुई रस्म अदायगी

भसीन टूर एंड ट्रैवल्स की ओर से 14 अगस्त को बोगी बुक करायी गई थी। बोगी बुक होने पर भसीन टूर एंड ट्रैवल्स की ओर से रेलवे को शपथ पत्र दिया गया था कि वह अपने साथ किसी तरह का ज्वलनशील पदार्थ नहीं ले जाएगा। वहीं पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय ने भी प्राइवेट बोगी लगाने के अपने आदेश के साथ यह शर्त लिखी थी कि ज्वलंतशील पदार्थ को नहीं ले जाया जा सकेगा। इसके बावजूद एलपीजी सिलिंडर यात्रा करता रहा।

बोगी में भी नहीं थे अग्नि बुझाने के उपकरण!

रेलवे अब हर बोगी में शौचालय के पास अग्निशमक उपकरण की व्यवस्था करता है। आग बुझाने वाले उपकरण इस प्राइवेट बोगी में लगाए गए थे यह नहीं इसकी जानकारी खुद रेलवे के पास ही नहीं है। इस बोगी की प्राइमरी मेंटनेंस ऐशबाग कोचिंग डिपो में की गई थी।

बोगी में सिलिंडर कहां से आया यह जांच का विषय है। आग से बचाने के उपकरण थे या नहीं इन बिन्दुओं की भी जांच होगी।, महेश गुप्ता, जनंसपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल

विस्तार से पढ़ें क्या है पूरा मामला... 

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