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Mahakumbh 2025: महाकुंभ के लिए केंद्र से मिल सकते हैं 2000 करोड़ रुपये, आवंटन को लेकर चल रहा मंथन

महाकुंभ के लिए केंद्र सरकार अब तक का सबसे बड़ा विशेष पैकेज देने जा रही है। गुरुवार 14 नवंबर को होने वाली बैठक में केंद्र सरकार महाकुंभ के आयोजन के लिए दी जाने वाली धनराशि तय कर सकती है। प्रदेश सरकार महाकुंभ के लिए करीब 5400 करोड़ रुपये का प्रावधान कर चुकी है। इस बार महाकुंभ में करीब सात हजार करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है।

By Shobhit Srivastava Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 13 Nov 2024 02:43 AM (IST)
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इस बार के महाकुंभ में करीब सात हजार करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सनातन धर्म के सबसे बड़े सामूहिक आयोजन महाकुंभ के लिए इस बार केंद्र सरकार अब तक का सबसे बड़ा विशेष पैकेज देने जा रही है। गुरुवार 14 नवंबर काे होने वाली बैठक में केंद्र सरकार महाकुंभ के आयोजन के लिए दी जाने वाली धनराशि तय कर सकती है। 

वर्ष 2019 के कुंभ में केंद्र सरकार ने 1200 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार को दिए थे, इस बार 2000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि मिलने की उम्मीद है। प्रदेश सरकार महाकुंभ के लिए करीब 5400 करोड़ रुपये का प्रावधान कर चुकी है।

सात हजार करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान

इस बार के महाकुंभ में करीब सात हजार करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया जा रहा है। इसमें से 5400 करोड़ रुपये सीधे महाकुंभ के आयोजन में व 1600 करोड़ रुपये अलग-अलग विभागों के बजट से खर्च किए जाएंगे। 

वर्ष 2019 के कुंभ में कुल 2406 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। इसमें से 1200 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने दिए थे। इससे पहले वर्ष 2013 के महाकुंभ में 1142 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने प्रदेश को दिए थे। इस बार पिछले दोनों बार से अधिक धनराशि केंद्र से मिलने की उम्मीद है।

धनराशि आवंटन को लेकर मंथन

नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि केंद्र सरकार में महाकुंभ के आयोजन के मद्देनजर धनराशि आवंटन को लेकर मंथन चल रहा है। गुरुवार 14 नवंबर को इस संबंध में केंद्र सरकार में बैठक होनी है। इसमें धनराशि तय होने की उम्मीद है। 

इस बार पिछले कुंभ से दोगुणी राशि मिलने की उम्मीद है। महाकुंभ के आयोजन के लिए करीब 5400 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है, टेंडर आवंटित होने के बाद यह धनराशि 4200 करोड़ रुपये के आस-पास खर्च का अनुमान है।

महाकुंभ के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भी छह लेन गंगा ब्रिज बना रहा है। यह काम भी 15 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। वहीं, मेला क्षेत्र व शहर के आस-पास दूरसंचार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए दूरसंचार मंत्रालय 315 टावर लगा रहा है। कई और विभाग भी यहां मूलभूत सुविधाओं पर धनराशि खर्च कर रहे हैं।

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