जयपुर की इस सबसे खूबसूरत महारानी से क्यों थी इंदिरा गांधी की अदावत, पढ़ें गायत्री देवी का सियासी सफर
Maharani Gayatri Devi भारत के इतिहास में जयपुर की महारानी गायत्री देवी का नाम बड़े ही आदर के साथ लिया जाता है। आज 5 मई को महारानी की जयंती है। जानते हैं गायत्री देवी और इंदिरा गांधी के अदावत के किस्से।
By Abhishek PandeyEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Tue, 23 May 2023 01:19 PM (IST)
जागरण ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली: (Maharani Gayatri Devi Birth Anniversary)। भारत के इतिहास में जयपुर की महारानी गायत्री देवी का नाम बड़े ही आदर के साथ लिया जाता है। जयपुर राजघराने की महारानी का नाम जितना राजस्थान में है, उतना ही यूपी में उनके नाम के चर्चे होते हैं। आज 5 मई को महारानी गायत्री देवी की जयंती है। इंदिरा गांधी के साथ अदावत के किस्से भी खूब सुर्खियों में रहते हैं।
इमरजेंसी के दौरान जयपुर राजघराने की महारानी गायत्री देवी और ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजय राजे सिंधिया समेत तमाम विपक्ष के बड़े नेताओं को सत्ता दल के इशारे पर जेल में डाल दिया गया था।
रिकॉर्ड मतों से जीता था चुनाव
महारानी गायत्री देवी ने 1962 में लोकसभा चुनाव लड़ा और 2,46,515 वोट में से 1,92,909 वोट मिले यानी 78 फीसद। विदेशी अखबारों ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी जीत बताया। इतने वोट तो इंदिरा के पिता नेहरू को भी नहीं मिले थे। दूसरी ओर इंदिरा गांधी ने सत्ता संभालने के साथ ही रायबरेली से चुनाव लड़ा और जीता लेकिन इतने बड़े अंतर ने वह कभी जीत हासिल न कर सकीं।यहीं से शुरू होती है जयपुर राजघराने की महारानी गायत्री देवी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा के झगड़े की कहानी। दोनों ने एक साथ ही गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन संस्थान से शिक्षा प्राप्त की थी। पत्रकार खुशवंत सिंह ने अपनी किताब 'द हाउस ऑफ जयपुर' में लिखा- इंदिरा गांधी को गायत्री देवी की प्रसिद्धि और खूबसूरती से काफी जलन होती थी, आगे चलकर यह लड़ाई राजनीति के मैदान तक आ पहुंची।
16 साल की उम्र में की थी शादी
महज 16 साल की उम्र में गायत्री देवी ने जयपुर के राजा सवाई मान सिंह से शादी की थी और वह उनकी तीसरी पत्नी थी, लेकिन तीनों में सबसे खूबसूरत और स्टाइलिश। महारानी की खूबसूरती के विदेशी मैगजीनों में भी चर्चा होती थी।इंदिरा और गायत्री देवी के बीच की यह लड़ाई उस समय उफान पर आ गई, जब गायत्री देवी ने 1962 में जयपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की ठानी और रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। दरअसल इंदिरा चाहती थी कि वह कांग्रेस में शामिल हों, लेकिन उन्होंने स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा।
खुशवंत सिंह ने भी लिखा था, 'इंदिरा गांधी एक ऐसी महिला को कैसे बर्दाश्त कर सकती थीं, जो उनसे ज्यादा खूबसूरत हो और संसद में उनकी बेइज्जती कर चुकी हो'। गायत्री देवी पर कोई राजनीतिक आरोप नहीं लगाए गए थे, बल्कि उनके खिलाफ तो अरसे से इंदिरा गांधी के इनकम टैक्स अफसर जंग छेड़े हुए थे।
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