वाल्मीकि जयंती पर मंदिरों में गूंजेगा मानस पाठ, लखनऊ में हर आयोजन स्थल पर नियुक्त होंगे नोडल अफसर
महर्षि वाल्मीकि की जयंती को प्रदेश सरकार खास बनाने जा रही है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब 20 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती के दिन प्रदेश भर में भगवान राम और हनुमान मंदिरों के साथ ही पौराणिक स्थलों पर रामचरित मानस का पाठ होगा।
By Rafiya NazEdited By: Updated: Thu, 14 Oct 2021 03:00 PM (IST)
लखनऊ अजय श्रीवास्तव। महर्षि वाल्मीकि की जयंती को प्रदेश सरकार खास बनाने जा रही है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब 20 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती के दिन प्रदेश भर में भगवान राम और हनुमान मंदिरों के साथ ही पौराणिक स्थलों पर रामचरित मानस का पाठ होगा। यह पाठ आठ, 12 और 24 घंटे तक अनवरत चलेगा। सरकार की इस योजना का खाका संस्कृति विभाग ने तैयार किया है। यह आयोजन भी आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर चल रहे महोत्सव के अंतर्गत किया जाएगा।
तीन चरणों में होने वाले रामचरित मानस पाठ और अन्य आयोजन के लिए श्रीराम, हनुमान मंदिर सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों का प्रदेश भर में चयन होगा। जयंती को खास बनाने के लिए प्रदेश भर में चयनित मंदिरों में होने वाले आयोजन के लिए एक-एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए जाएंगे। रामचरित मानस पाठ का आयोजन जिलों के साथ-साथ तहसील और विकास खंडों तक होगा। हर जगह आयोजन के लिए समितियां गठित की जाएंगी। संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने सभी मंडलायुक्तों के साथ ही जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में आयोजन से जुड़े बिंदुओं की जानकारी दी है। जयंती के एक दिन पहले 19 अक्टूबर को शाम तक सभी आयोजन स्थल पर रामचरित मानस की उपलब्धता के साथ ही सभी तैयारियों की फोटोग्राफी कर संस्कृति विभाग को भेजनी होगी, जिससे आयोजन में किसी तरह की कमी न रहे। रामचरित मानस के पाठ का वीडियो भी बनाना होगा, जिसे संस्कृति विभाग को भेजना होगा।
ये जानकारियां जुटाई जा रही हैं:
- हर जिले में राम, हनुमान मंदिर या फिर रामायण काल से संबंधित मंदिर का पूरा पता, फोटो, जीपीएस लोकेशन, मंदिर प्रबंधक का फोन नंबर
- जिन जिलों में राम जानकी मार्ग, राम वन गमन मार्ग के स्थल (जो महर्षि वाल्मीकि की रामायण में वर्णित हैंं) का पूरा वितरण, पता फोटो, संपर्क करने वाले व्यक्ति का नंबर
- आठ, 12 और 24 घंटे अखंड मानस पाठ के लिए चयनित मंदिरों के साथ ही कलाकारों और भजन गायकों का विवरण
भगवान श्रीराम से जुड़े हैं देशभर में 280 स्थल: महर्षि वाल्मीकि द्वारा वर्णित रामायण में जिन्हें राम जानकी मार्ग, राम वन गमन मार्ग आदि के रूप में माना जाता है, देश में ऐसे करीब 280 स्थल मौजूद हैं। उत्तर प्रदेश में राम जानकी मार्ग, राम वन गमन मार्ग जैसे कई स्थल हैं। संस्कृति विभाग ने इसकी पूरी जानकारी जुटाई है।
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