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यूपी में कई नदियां उफान पर, अयोध्या-पीलीभीत समेत 17 जिलों में बाढ़ के हालात; डूबने से दो बच्चों समेत चार की मौत

उत्तर प्रदेश में अयोध्या पीलीभीत बरेली आजमगढ़ और हरदोई समेत कुल 17 जिलों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। नदियों के जलस्तर में लगातार तेजी और कमी देखील जा रही है इससे उतार-चढ़ाव जारी है। बरेली में बहगुल नदी उफान पर है इससे कई गांव प्रभावित हैं। बाढ़ के कारण यूपी दो बच्चों समेत कुल चार लोगों की डूबने से मौत हो गई है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 14 Jul 2024 09:07 AM (IST)
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यूपी के कई जिलों में बाढ़ से परेशान लोग
जागरण टीम, लखनऊ। नदियों के जलस्तर में तेजी और कमी के साथ ही प्रदेश में बाढ़ की स्थिति में भी उतार-चढ़ाव जारी है। गर्रा और खन्नौत नदी उफनाने से कठिनाइयां झेल रहे शाहजहांपुर में बाढ़ का पानी कम हुआ है। यद्यपि दोनों नदियां अभी भी खतरे के निशान के ऊपर हैं।

बरेली में बहगुल नदी उफनाने से कई गांव प्रभावित हैं। दो बच्चों समेत तीन लोगों की नदी में डूबने से मौत हो गई। पीलीभीत में भी डूबने से एक की मौत हुई है। जिले में दो दिन से बाढ़ थमी है मगर, उत्तराखंड के धारचूला में बादल फटने से पहाड़ी नदियां उफनाई हैं। बनबसा बैराज से पानी छोड़ा गया तो पीलीभीत में शारदा नदी में दोबारा बाढ़ आ सकती है।

बाढ़ से कई गांवों का आवागमन हुआ बंद

बदायूं के दातागंज में रामगंगा का पानी आने से शाहजहांपुर-लखनऊ रूट बाधित हो गया है। फर्रुखाबाद में भी रामगंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। अमैयापुर में बाढ़ से कई गांवों का आवागमन बाधित हो गया है। प्रयागराज, वाराणसी मीरजापुर, कानपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है।

शाहजहांपुर में बरेली मोड़ पर पानी कम होने के बाद दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर वाहन चलने लगे हैं। फर्रुखाबाद रोड पर जलभराव से रोडवेज बसों का संचालन नहीं हो रहा। गोरखपुर-बस्ती मंडल में अधिकांश नदियां उफान पर हैं। सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती, राप्ती, कूड़ा, घोघी नदी के साथ पहाड़ी नाला तेलार खतरे के निशान के ऊपर है। 188 गांव पानी से घिर गए हैं।

राप्ती नदी ने पार किया खतरे का निशान

संतकबीर नगर में राप्ती नदी शनिवार को खतरे का निशान पार कर गई। संतकबीर नगर के साथ ही देवरिया में भी सरयू खतरे के निशान के पास पहुंच गई है। आजमगढ़, मऊ और बलिया में शनिवार को सरयू के जलस्तर में कुछ घटाव हुआ लेकिन खतरे के निशान से अब भी ऊपर बह रही है। वाराणसी, मीरजापुर में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। तटवर्ती इलाकों के लोग बाढ़ और कटान के खतरे के मद्देनजर सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं। जौनपुर में बीते 24 घंटे में गोमती के जलस्तर में आठ फीट की वृद्धि दर्ज की गई है।

श्रावस्ती में नेपाल के पहाड़ों पर बरसात थमने से तराई में राप्ती नदी के तेवर ढीले पड़ गए हैं। तटवर्ती गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है। बहराइच में चार दिनों से घाघरा का जलस्तर घट रहा है। लखीमपुर में शारदा नदी की बाढ़ का पानी अभी भी दर्जनों गांवों में भरा है। गोंडा में सरयू व घाघरा नदी का जलस्तर घट गया है। अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से दो सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया है।

बलरामपुर में राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। गैंसड़ी में स्थित पहाड़ी नालों में उफान आ गया है। उधर पहाड़ी नाला नकटी व कटहा में उफान आने से राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोनपुर और पुरुषोत्तमपुर के पास सड़क के ऊपर बाढ़ का पानी बह रहा है।

बाढ़ से 10 लाख से अधिक आबादी प्रभावित

राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में इस समय कुल 17 जिलों में बाढ़ की स्थिति है। इनमें पीलीभीत, लखीमपुर, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, बस्ती, शाहजहांपुर, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बलिया, गोरखपुर, बरेली, आजमगढ़, हरदोई और अयोध्या शामिल हैं। करीब साढ़े दस लाख की आबादी प्रभावित है। 66 तहसीलों के कुल 1273 गांवों में लोग बाढ़ का सामना कर रहे हैं।

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