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मायावती का बड़ा ऐलान! पिछले चुनावों के कड़वे अनुभव का किया जिक्र, फिर गठबंधन को लेकर कह दी बड़ी बात

मायावती ने ऐलान किया है कि बसपा अब किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। हरियाणा और पंजाब चुनावों के कड़वे अनुभवों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियों से भी गठबंधन नहीं होगा। मायावती ने कहा कि बसपा का वोट गठबंधन की पार्टी को ट्रांसफर हो जाता है लेकिन उनका वोट बीएसपी को नहीं मिलता। इससे पार्टी कैडर में निराशा होती है।

By Anand Mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 11 Oct 2024 06:06 PM (IST)
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बसपा प्रमुख मायावती - फाइल फोटो ।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बसपा अब चुनावों में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। हरियाणा के हालिया विधानसभा चुनाव परिणामों का जिक्र करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने ऐलान किया है कि क्षेत्रीय पार्टियों से भी अब वह गठबंधन नहीं करेंगी। हरियाणा व पंजाब की समीक्षा बैठक में बसपा प्रमुख ने यह घोषणा की है और इंटरनेट मीडिया एक्स पर इसे साझा किया है।

मायावती ने लिखा है कि यूपी सहित दूसरे राज्यों के चुनाव में भी बसपा का वोट गठबंधन की पार्टी को ट्रांसफर हो जाता है लेकिन उनका वोट बीएसपी को नहीं मिलता। अपेक्षित चुनाव परिणाम नहीं मिलने से पार्टी कैडर को निराशा होती है।

हरियाणा विधानसभा के परिणाम का किया जिक्र

उन्होंने हरियाणा विधानसभा के परिणाम व इससे पहले पंजाब चुनाव के कड़वे अनुभव का जिक्र करते हुए साफ किया है कि क्षेत्रीय पार्टियों से भी अब आगे गठबंधन नहीं करेंगे और भाजपा-एनडीए व कांग्रेस-इंडिया गठबंधन से दूरी भी पहले की तरह ही जारी रहेगी।

बसपा प्रमुख ने लिखा है कि देश की एकमात्र प्रतिष्ठित अंबेडकरवादी पार्टी बीएसपी व उसके आत्म-सम्मान, स्वाभिमान मूवमेंट के कारवां को हर प्रकार से कमजोर करने की चौतरफा जातिवादी कोशिशें लगातार जारी हैं। ऐसे में अपना उद्धार स्वयं करने योग्य व शासक वर्ग बनने की प्रक्रिया पहले की तरह ही जारी रखना जरूरी है।

यह भी कहा है कि बीएसपी विभिन्न पार्टियों-संगठनों व उनके स्वार्थी नेताओं को जोड़ने के लिए नहीं, बल्कि ''''बहुजन समाज'''' के विभिन्न अंगों के बल पर संगठित होकर राजनीतिक शक्ति बनाने व उनको शासक वर्ग बनाने का आंदोलन है, जिसे अब इधर-उधर में भटकाना अति-हानिकारक है।

अखिलेश यादव की नीतीश कुमार से बड़ी मांग

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग की। दरअसल, समाजवादी को समाजवादी नेता और संपूर्ण क्रांति के सूत्रधार जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनके नाम पर बने जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपी सेंटर) जाने से रोकने पर सपा अध्यक्ष भड़क गए।

अखिलेश ने पुल‍िस के रोके जाने के बाद लखनऊ में अपने आवास के बाहर ही जेपी नारायण की एक प्रत‍िमा पर माल्‍यार्पण कर उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। हालांकि, इसके बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि बहुत से समाजवादी लोग सरकार में हैं। सरकार को चलने में मदद कर रहे हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी जय प्रकाश नारायण आंदोलन से उभरे हैं। यह नीतीश कुमार के लिए सरकार से समर्थन वापस लेने का मौका है।

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