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UP में विधानसभा चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने में जुटीं मायावती, सेक्टर व्यवस्था खत्म; फिर बनाए गए मंडल प्रभारी

UP Politics बसपा प्रमुख मायावती ने संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए सेक्टर व्यवस्था समाप्त कर एक बार फिर मंडल स्तरीय व्यवस्था लागू की है। पूर्व में तीन-तीन मंडल का एक सेक्टर बनाकर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी को सेक्टर इंचार्ज बनाया गया था। सेक्टर इंचार्ज का पद खत्म कर अब वरिष्ठ पदाधिकारियों को मंडल प्रभारी बनाया गया है।

By Ajay Jaiswal Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 20 Sep 2024 07:59 AM (IST)
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बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती। - फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा प्रमुख मायावती ने संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए सेक्टर व्यवस्था समाप्त कर एक बार फिर मंडल स्तरीय व्यवस्था लागू की है। पूर्व में तीन-तीन मंडल का एक सेक्टर बनाकर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी को सेक्टर इंचार्ज बनाया गया था। सेक्टर इंचार्ज का पद खत्म कर अब वरिष्ठ पदाधिकारियों को मंडल प्रभारी बनाया गया है।

प्रत्येक मंडल में जिलों के अनुसार जिलावार मंडल प्रभारी और जिले में चार-चार जिला प्रभारी भी अब होंगे। वंचितों व पिछड़ों के साथ ही अपर कास्ट में खासतौर से ब्राह्मण समाज व व मुस्लिम समाज को बसपा से जोड़ने के लिए अलग से प्रत्येक मंडल में उसी समाज का मंडल प्रभारी बनाया गया है। प्रत्येक जिले में मुस्लिम व ब्राह्मण भाईचारा कमेटियां भी होंगी।

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी के शून्य पर सिमटने के बाद से मायावती लगातार संगठन को नए सिरे से खड़ा करने में लगी हैं। बूथ से लेकर जिला स्तर तक की कमेठी को नए सिरे से बनाया जा रहा है। अब मायावती ने संगठन के संरचना में बदलाव किया है। प्रदेश के 18 मंडलों को छह सेक्टर में बांटने की व्यवस्था समाप्त कर अब हर एक मंडल को ध्यान में रखते हुए संगठन की पुरानी व्यवस्था को लागू किया गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार हर एक मंडल में दो-दो मंडल प्रभारी होंगे। लखनऊ मंडल के प्रभारी डा. विजय प्रताप और शमसुद्दीन राईन बनाए गए हैं। इसी तरह प्रयागराज मंडल में लालाराम अहिरवार, दिनेश चंद्रा, राजू गौतम, मिर्जापुर में विश्वनाथ पाल व गुड्डू राम, चित्रकूट में घनश्याम खरवार व अशोक गौतम, कानपुर में सूरज सिंह जाटव व घनश्याम खरवार को लगाया गया है।

गौर करने की बात यह है कि प्रत्येक मंडल में जिलों के अनुसार जिलेवार मंडल प्रभारी भी बनाए गए हैं। लखऩऊ मंडल के सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर जिले के अखिलेश आंबेडकर, मौजीलाल गौतम व विनय कश्यप जबकि लखनऊ, उन्नाव व रायबरेली के अतर सिंह राव, राम नाथ रावत व सुशील मुन्ना जिलेवार मंडल प्रभारी बनाए गए हैं। इसी तरह जिलों के चार-चार प्रभारी बनाए गए हैं। लखनऊ जिले में दिनेश पाल, राकेश पाल गौतम, गंगाराम गौतम व राकेश पाल जिला प्रभारी होंगे। इनमें जिले की सभी विधानसभाओं को बराबर-बराबर बांटकर विधानसभा चुनाव तक के लिए प्रभारी बनाए रखा जाएगा।

खास बात यह है कि मायावती एक बार फिर सोशल इंजीनियरिंग के तहत अपर कास्ट में खासतौर से ब्राह्मण समाज और मुस्लिम समाज को पार्टी से जोड़न के लिए हर एक मंडल में दोनों ही समाज का एक-एक मंडल प्रभारी भी बनाया है। इनके साथ एक-एक वंचित समाज का पदाधिकारी भी लगाया गया है।

लखनऊ मंडल में अपर कास्ट को बसपा से जोड़ने की जिम्मेदारी श्याम किशोर अवस्थी और विपिन गौतम और मुस्लिम समाज के लिए शान शमशेर खान और संजीवन लाल गौतम का दायित्व सौंपा गया है। पार्टी के मुसलिम नेताओं में नौशाद अली को आजमगढ़ व वाराणसी जबकि मुनकाद अली को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगाया गया है। ओबीसी को पार्टी से जोड़ने के लिए प्रमुख पिछड़ी जातियों के नेताओं को मुख्य संगठन में जगह दी गई है। मायावती ने कांशीराम द्वारा बनाए गए बामसेफ को नए सिरे से खड़ा करने का भी निर्णय़ किया है। प्रत्येक जिले में बामसेफ का एक अध्यक्ष और 10 उपाध्यक्ष के साथ ही विधानसभा संयोजक होंगे।

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