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लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद मुस्‍ल‍िम समाज से नाराज हुईं मायावती, कह दी ये बड़ी बात

मायावती ने कहा इस लोकसभा चुनाव में और पिछले चुनावों में भी मुसलमानों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया लेकिन हमें पर्याप्त समर्थन नहीं मिला और वे हमें ठीक से समझ नहीं पाए। इसलिए अब से हम सोच-समझकर ही उन्हें मौका देंगे ताकि पार्टी को ऐसा नुकसान न हो। बता दें लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Chunav 2024) में बसपा के खाते में एक भी सीट नहीं आई।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Wed, 05 Jun 2024 11:06 AM (IST)
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लोकसभा चुनाव में हार के बाद मायावती की पहली प्रत‍िक्रि‍या आई सामने।- फाइल फोटो

ड‍िजि‍टल डेस्‍क, नई द‍िल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Chunav 2024) में बसपा के खाते में एक भी सीट नहीं आई। जनादेश सामने आने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) की पहली प्रत‍िक्रि‍या सामने आई है। मायावती ने सोशल मीड‍िया पर एक पोस्‍ट के जर‍िए मुस्‍ल‍िम समाज को लेकर नाराजगी जाह‍िर की है।

मायावती ने कहा, ''इस लोकसभा चुनाव में और पिछले चुनावों में भी मुसलमानों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया, लेकिन हमें पर्याप्त समर्थन नहीं मिला और वे हमें ठीक से समझ नहीं पाए। इसलिए अब से हम सोच-समझकर ही उन्हें मौका देंगे, ताकि पार्टी को ऐसा नुकसान न हो।''

बसपा ने जारी क‍िया प्रेस नोट

चुनाव में हार क बाद मायावती ने प्रत‍िक्र‍िया देते हुए कहा, ''जैसा कि सर्वविदित है कि देश में 18वीं लोकसभा के लिए सात चरणों में हुआ आमचुनाव अब लगभग ढाई महीने के लंबे समय के बाद, आज चुनाव परिणाम के साथ अपने समापन पर है, जबकि हमारी पार्टी चुनाव आयोग से शुरू से ही यह मांग करती रही है कि चुनाव बहुत लम्बा नहीं खिंचना चाहिए, बल्कि आम लोगों के हितों के साथ-साथ, चुनाव ड्यूटी में लगने वाले लाखों सरकारी कर्मचारियों तथा सुरक्षाकर्मियों आदि के व्यापक हित व सुरक्षा आदि को ध्यान में रखते हुए यह चुनाव अधिक से अधिक तीन या चार चरणों में ही कराया जाना चाहिए था।'' 

मायावती ने आगे कहा, ''ऐसा न होने पर लोकसभा का यह चुनाव लगभग पूरे समय ख़ासकर जोरदार गर्मी की तपिश से जनजीवन के अस्त-व्यस्त होने के कारण काफी ज्यादा प्रभावित रहा है। विशेषकर गरीब तबकों व अन्य मेहनतकश लोगों के चुनावी उत्साह में भी काफी कुछ फर्क पड़ने के कारण, उम्मीद के विपरीत, वोट प्रतिशत भी काफी प्रभावित हुआ है। जो चिन्ता का प्रमुख कारण बना रहा और यह लगातार मीडिया की सुर्खियों में भी रहा। ऐसे में यह उम्मीद की जाती है कि लोकतंत्र व आमजन के व्यापक हित के मद्देनजर, आगे चुनाव कराते समय चुनाव आयोग द्वारा लोगों की इन ख़ास परेशानियों को ज़रूर ध्यान में रखा जाएगा।''

बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा क‍ि चुनाव के दौरान देशभर में लगभग पूरे समय मंहगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि से त्रस्त लोगों में यह आम चर्चा रही कि यदि चुनाव फ्री एंंड फेयर हुआ व ईवीएम (EVM) में कोई गड़बड़ी आदि नहीं हुई तो फिर चुनाव परिणाम निश्चय ही, ख़ासकर रूलिंग पार्टी के नेताओं के दावों के अनुसार नहीं होकर, चौंकाने वाला ज़रूर होगा।

और आज जब लोकसभा चुनाव का जो भी व जैसा भी नतीजा आया है वह लोगों के सामने है, और उन्हें ही, अब देश के लोकतंत्र, संविधान व देशहित आदि के बारे में सोचना और फैसला करना है कि यह जो चुनाव परिणाम आया है उसका आगे उन सबके जीवन पर क्या फर्क (असर) पड़ने वाला है तथा उनका अपना भविष्य कितना शान्त, व सुरक्षित रह पाएगा?

मायावती ने कहा- बसपा करेगी सही व‍िश्लेषण 

इसके अलावा, इस चुनाव में ख़ासकर यूपी की तरफ पूरे देश की निगाहें टिकी हुई थीं और यहां भी जो परिणाम सामने आया है वह भी जनता के सामने है। हमारी पार्टी इसको गंभीरता से लेकर इसका हर स्तर पर गहराई से सही विश्लेषण करेगी और पार्टी व मूवमेन्ट के हित में जो भी ज़रूरी होगा तो उसको लेकर ठोस कदम भी उठाएगी क्योंकि बी.एस.पी. एक राजनीतिक पार्टी के साथ-साथ लोगों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का एक मूवमेन्ट भी है। इसीलिए हमारी प्रतिक्रिया भी विशुद्ध रूप से देश के लोकतंत्र व परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के संविधान की पवित्रता व मजबूती को समर्पित होगी, ताकि देश के करोड़ों गरीबों, शोषितों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों एवं मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के हित व कल्याण तथा उनकी सुरक्षा एवं सम्मान आदि पर मंडराता ख़तरा दूर हो।

इसका सबसे मूल व प्रभावी रास्ता स्वंय बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने यह बताया है कि सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके ही तरक्की के तमाम बंद दरवाज़े खोले जा सकते हैं, जिसके प्रति अपने संघर्ष, त्याग व बलिदान का खुद ऑकलन करते रहना बहुत ज़रूरी है, तभी भविष्य संवरेगा व सुधरेगा भी।

मुस्‍ल‍िम समाज को लेकर क्‍या कहा?

मायावती ने कहा, ''अब अंत में मेरा यही कहना है कि इस बार चुनाव में अपनी पार्टी बीएसपी का अकेले ही, पार्टी से जुडे लोगों के बलबूते पर बेहत्तर रिज़ल्ट के लिए जो हर सम्भव पूरा-पूरा प्रयास किया गया है जिसमें खासकर दलित वर्ग में से मेरी खुद की जाति के लोगों ने अधिकांश अपना वोट बीएसपी को देकर जो अपनी अहम् मिशनरी भूमिका निभाई है। तो उनका भी मैं विशेषकर पूरे तेहदिल से आभार प्रकट करती हूं। साथ ही बहुजन समाज पार्टी का खास अंग मुस्लिम समाज जो पिछले कई चुनावों में व इस बार भी लोकसभा आमचुनाव में उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद भी बीएसपी को ठीक से नहीं समझ पा रहा है तो अब ऐसी स्थिति में आगे इनको काफी सोच समझ के ही चुनाव में पार्टी द्वारा मौका दिया जाएगा। ताकि आगे पार्टी को भविष्य में इस बार की तरह भयंकर नुकसान ना हो। 

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