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लोकसभा चुनाव में बसपा की करारी हार की 23 जून को समीक्षा कर सकती हैं मायावती, आकाश आनंद को फ‍िर से म‍िल सकती है ज‍िम्‍मेदारी

लोकसभा चुनाव में बसपा की करारी हार हुई है। बसपा प्रमुख मायावती इसे लेकर 23 जून को समीक्षा बैठक कर सकती है। बैठक में पार्टी के सभी पदाधिकारियों को बुलाया जाएगा। पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर के पद से हटाए गए आकाश आनंद भी बैठक में शामिल होंगे। बैठक में मौजूदा परिस्थिति में बसपा को नए सिरे से खड़ा करने की रणनीति के बारे में मायावती पदाधिकारियों को बताएंगी।

By Ajay Jaiswal Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 14 Jun 2024 10:55 AM (IST)
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बसपा चीफ मायावती चुनाव में करारी हार को लेकर 23 जून को कर सकती हैं समीक्षा बैठक।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार को लेकर 23 जून को समीक्षा बैठक कर सकती है। बैठक में पार्टी के सभी पदाधिकारियों को बुलाया जाएगा। पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर के पद से हटाए गए आकाश आनंद भी बैठक में शामिल होंगे।

वैसे तो चार जून को नतीजे आने के अगले दिन ही बसपा प्रमुख ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र से हार के कारणों पर विस्तृत रिपोर्ट लेकर उस पर चर्चा की थी और जिन क्षेत्रों में पहले से ज्यादा खराब प्रदर्शन रहा वहां के कोआर्डिनेटरों से लेकर जिला स्तर के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं लेकिन अब वह प्रदेश व देशभर के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने वाली है।

23 जून को हो सकती है बैठक 

पार्टी सूत्रों के अनुसार बैठक 23 जून को हो सकती है। बैठक में मौजूदा परिस्थिति में बसपा को नए सिरे से खड़ा करने की रणनीति के बारे में मायावती पदाधिकारियों को बताएंगी। पदाधिकारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव करने के साथ ही नए सिरे से उन्हें जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

आकाश आनंद को फ‍िर से म‍िल सकती है ज‍िम्‍मेदारी

सूत्र बताते हैं कि जिस तरह से नगीना से सांसद चुने गए आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चंद्रशेखर आजाद अपना जनाधार बढ़ाने के लिए सक्रिय हैं उसको देखते हुए बसपा प्रमुख अपने भतीजे आकाश आनंद को फिर नेशनल कोआर्डिनेटर पद की जिम्मेदारी सौंप सकती हैं। इससे पहले आकाश पर चुनाव के दौरान सीतापुर में दिए गए विवादित भाषण को लेकर दर्ज एफआईआर को निस्तारित कराने की भी कोशिश है।

उल्लेखनीय है कि एफआईआर होने के बाद मायावती ने न केवल आकाश की चुनावी रैलियों पर रोक लगा दी थी बल्कि उन्हें अपरिपक्व बताते हुए नेशनल कोआर्डिनेटर के पद से भी हटा दिया था। इतना ही नहीं मायावती ने आकाश को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने का निर्णय भी वापस ले लिया था।