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मायावती का सवाल- गरीब बच्चे कहां और कैसे पढ़ेंगे? योगी सरकार के फैसले को बताया अनुचित

बसपा प्रमुख ने 50 से कम छात्रों वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर उनका दूसरे स्कूलों में विलय करने के प्रदेश सरकार के निर्णय की कड़ी आलोचना की है। सवाल उठाया कि आखिर गरीब के बच्चे कहां और कैसे पढ़ेंगे? लिखा कि सरकारों की इसी प्रकार की गरीब व जनविरोधी नीतियों का परिणाम है कि लोग प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हो रहे।

By Anand Mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sun, 03 Nov 2024 04:41 PM (IST)
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बसपा प्रमुख मायावती - फाइल फोटो ।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने 50 से कम छात्रों वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर उनका दूसरे स्कूलों में विलय करने के प्रदेश सरकार के निर्णय की कड़ी आलोचना की है। सवाल उठाया कि आखिर गरीब के बच्चे कहां और कैसे पढ़ेंगे? बसपा प्रमुख ने रविवार को इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि विद्यालयों में सुधार के बजाए इन्हें बंद किया जा रहा है, यह निर्णय ठीक नहीं है।

मायावती ने अपने पोस्ट में लिखा, यूपी सरकार द्वारा 50 से कम छात्रों वाले बदहाल 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जरूरी सुधार करके उन्हें बेहतर बनाने के उपाय करने के बजाय उनको बंद करके उनका दूसरे स्कूलों में विलय करने का फैसला उचित नहीं। ऐसे में गरीब बच्चे आखिर कहां और कैसे पढ़ेंगे?

ओडिशा सरकार के फैसले को भी बताया अनुचित

उन्होंने लिखा कि यूपी व देश के अधिकतर राज्यों में खासकर प्राइमरी व सेकेंडरी शिक्षा का बहुत ही खराब हाल है, जिस कारण गरीब परिवार के करोड़ों बच्चे अच्छी शिक्षा तो दूर, सही शिक्षा से भी लगातार वंचित हैं। ओडिसा सरकार द्वारा कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद करने का भी फैसला अनुचित है।

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि, सरकारों की इसी प्रकार की गरीब व जनविरोधी नीतियों का परिणाम है कि लोग प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हो रहे हैं, जैसा कि सर्वे से स्पष्ट है। किंतु सरकार द्वारा शिक्षा पर समुचित धन व ध्यान देकर इसमें जरूरी सुधार करने के बजाए, इनको बंद करना ठीक नहीं है।

50 से कम छात्र वाले 27,764 विद्यालयों का दूसरे स्कूलों में होगा विलय

प्रदेश में ऐसे 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय जिन में 50 से कम विद्यार्थी हैं उनका दूसरे स्कूलों में विलय किया जाएगा। ग्राम पंचायत के दूसरे स्कूल या फिर पास की अन्य ग्राम पंचायत के विद्यालय में इनका विलय होगा। अगले शैक्षिक सत्र वर्ष 2025- 26 से इन विद्यालयों को स्थानांतरित किए जाने के लिए अभी से प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश दिए गए हैं कि वह 13 नवंबर या फिर 14 नवंबर को बैठक कर ऐसे स्कूलों को सूचीबद्ध करें और पास के किस स्कूल में इनका विलय करना ठीक रहेगा इसके लिए रिपोर्ट तैयार करें। अब ग्राम पंचायत के दूसरे स्कूल में इनका संविलियन किए जाने के मानक की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। 

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