SC-ST कोटे में कोटा देने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर मायावती का रिएक्शन, भाजपा-कांग्रेस पर लगाया गंभीर आरोप
सुप्रीम कोर्ट के एससी और एसटी के आरक्षण के भीतर आरक्षण देने के निर्णय के बाद मायावती ने कहा देश के एससी एसटी व ओबीसी बहुजनों के प्रति कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियाें/सरकारों का रवैया उदारवादी रहा है सुधारवादी नहीं। वे इनके सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के पक्षधर नहीं हैँ। वरना इन लोगों के आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में डालकर इसकी सुरक्षा जरूर की गई होती।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आरक्षण के भीतर आरक्षण देने के निर्णय के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर एससी/एसटी व ओबीसी वर्ग के प्रति सुधारवादी नहीं होने का आरोप लगाया है।
मायावती ने एक्स पर लिखा, ''देश के एससी, एसटी व ओबीसी बहुजनों के प्रति कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियाें/सरकारों का रवैया उदारवादी रहा है सुधारवादी नहीं। वे इनके सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के पक्षधर नहीं हैं। वरना इन लोगों के आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में डालकर इसकी सुरक्षा जरूर की गई होती।''
'आरक्षण का बंटवारा कितना उचित है'
मायावती ने एक और पोस्ट करते हुए लिखा, 'सामाजिक उत्पीड़न की तुलना में राजनीतिक उत्पीड़न कुछ भी नहीं। क्या देश के खासकर करोड़ों दलितों व आदिवासियों का जीवन द्वेष व भेदभाव मुक्त आत्मसम्मान व स्वाभिमान का हो पाया है। अगर नहीं तो फिर जाति के आधार पर तोड़े व पछाड़े गए इन वर्गों के बीच आरक्षण का बंटवारा कितना उचित है?'यह भी पढ़ें: आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 20 साल पुराना फैसला, अब एससी-एसटी कोटे में क्या-क्या होंगे बदलाव?
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