सौ साल में बसा ये शहर: माय सिटी माय प्राइड, विकास के लिए चाहिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर की नींव
आज हर शहर-गांव विकास में अपना योगदान देने में सक्षम हुआ है। सड़कों के बनने की रफ्तार बढ़ी है। 73 किलोमीटर तक राजमार्ग रोज बन रहा है।
By Nandlal SharmaEdited By: Updated: Mon, 27 May 2019 06:35 PM (IST)
नई दिल्ली (राजेश उपाध्याय)। विकास की पहली निशानी बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर है। कोई भी देश उतना ही विकसित होता है, जितनी विकसित उसकी आधारभूत संरचना होती है। सिंधु घाटी की सभ्यता की सबसे बेहतरीन चीज उसकी नगर योजना थी, जिसमें पहली बार सुनियोजित सड़कें, मकान और उनमें स्नानागार की सुविधा दिखती है।
अपने शहर को शानदार बनाने की मुहिम में शामिल हों, यहां करें क्लिक और रेट करें अपनी सिटीकहते हैं रोम की सभ्यता उसकी सड़कों के सहारे विकसित हुई थी। तीर की तरह सीधी सड़कें, जो एक दूसरे को नब्बे डिग्री के कोण पर काटती थीं। अमेरिका के दो बड़े शहर, न्यूयॉर्क और शिकागो के विकास की कहानी भी एरी नहर के निर्माण और मिसिसिपी नदी प्रणाली जैसे बड़ी आधारभूत संरचना से जुड़ी है।
दक्षिण-मध्य एशिया की 2,500 किमी लम्बी ग्रांड ट्रंक रोड बड़ी बुनियादी संरचना का एक अच्छा उदाहरण है। इस जीटी रोड ने बांग्लादेश के चटगांव, ढाका, भारत के पूर्णिया, पटना, वाराणसी, आगरा, मथुरा, दिल्ली, सोनीपत, पानीपत, कुरुक्षेत्र, अंबाला, लुधियाना, अमृतसर और पाकिस्तान के लाहौर, गुजरांवाला, रावलपिंडी, पेशावर से अफगानिस्तान के काबुल शहर को गति दी है। वहीं, मुंबई को समुद्री संपर्क और बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर की बदौलत ही देश की आर्थिक राजधानी का दर्जा मिला।
सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, पुल, बांध, नहर, बिजली, पानी ही नहीं स्कूल- कॉलेज भी बुनियादी संरचना में आते हैं। सरकार को अगर विकास की रफ्तार बढ़ानी है तो बुनियादी ढांचे के सहारे ही यह संभव होगा। इससे शहरी विकास बढ़ेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। जिला स्तर तक अगर बुनियादी ढांचे के विकास को पहुंचाया गया तो लोगों का नौकरी की खोज में भटकना बंद होगा। भारत की संभावनाओं पर विश्व आर्थिक मंच ने कहा है कि चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है। और, इसके लिए शहरों में चाहिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर। देश के विशाल आकार को देखते हुए यह गर्व करने योग्य बात है कि हर गांव तक बिजली की रोशनी पहुंच गई है। इससे आज हर शहर-गांव विकास में अपना योगदान देने में सक्षम हुआ है। सड़कों के बनने की रफ्तार बढ़ी है। 73 किलोमीटर तक राजमार्ग रोज बन रहा है। गांवों में बन रही सड़कें अलग हैं। एक सौ स्मार्ट सिटी बन रही हैं और दो सौ छोटे हवाई अड्डों को विकसित करने की घोषणा हुई है। ऐसी अनेक योजनाएं है जो समय पर पूरी हुईं तो देश के विकास में बहुमूल्य योगदान करेंगी, लेकिन भारत के आकार, आबादी और विविधता को देखते हुए बुनियादी ढांचे के विकास पर विशाल खर्च की जरूरत है।
सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, पुल, बांध, नहर, बिजली, पानी ही नहीं स्कूल- कॉलेज भी बुनियादी संरचना में आते हैं। सरकार को अगर विकास की रफ्तार बढ़ानी है तो बुनियादी ढांचे के सहारे ही यह संभव होगा। इससे शहरी विकास बढ़ेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। जिला स्तर तक अगर बुनियादी ढांचे के विकास को पहुंचाया गया तो लोगों का नौकरी की खोज में भटकना बंद होगा। भारत की संभावनाओं पर विश्व आर्थिक मंच ने कहा है कि चौथी औद्योगिक क्रांति में भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है। और, इसके लिए शहरों में चाहिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर। देश के विशाल आकार को देखते हुए यह गर्व करने योग्य बात है कि हर गांव तक बिजली की रोशनी पहुंच गई है। इससे आज हर शहर-गांव विकास में अपना योगदान देने में सक्षम हुआ है। सड़कों के बनने की रफ्तार बढ़ी है। 73 किलोमीटर तक राजमार्ग रोज बन रहा है। गांवों में बन रही सड़कें अलग हैं। एक सौ स्मार्ट सिटी बन रही हैं और दो सौ छोटे हवाई अड्डों को विकसित करने की घोषणा हुई है। ऐसी अनेक योजनाएं है जो समय पर पूरी हुईं तो देश के विकास में बहुमूल्य योगदान करेंगी, लेकिन भारत के आकार, आबादी और विविधता को देखते हुए बुनियादी ढांचे के विकास पर विशाल खर्च की जरूरत है।
एक अनुमान के मुताबिक, 2022 तक बुनियादी विकास के लिए 50 खरब रुपए की जरूरत होगी। सड़क परिवहन मंत्री ने पांच लाख करोड़ रुपए सड़कों के निर्माण पर खर्च करने की बात कही है तो दो लाख करोड़ रुपए शहरों के विकास पर खर्च होने वाले हैं। सरकार 2022 तक सबको घर देने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है।तेजी से बढ़ते भारत के लिए ऊर्जा सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है। भारत सरकार ने इस मामले पर आगे बढ़ते हुए क्लीन एनर्जी के लिए अक्षय ऊर्जा को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया है। बिजली का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई परमाणु संयत्र लगाए जा रहे है। देश ने पावर सेक्टर की उपयोगिता को समझा है। आधारभूत संरचना के लिए शक्ति और ऊर्जा सबसे ज्यादा योगदान करते हैं। इसके लिए भविष्य में हर घर के लिए सौर ऊर्जा की पहल भी जरूरी है।देश के अंदर यातायात को सस्ता बनाने के लिए केंद्र सरकार का विशेष जोर जलमार्ग पर है। सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना देश की 101 नदियों को जलमार्ग में तब्दील करने की बनाई है, जो कि करीब 14,500 किलोमीटर तक देश के अंदर फैली हुई हैं। औद्योगीकरण और शहरों का प्रदूषण पहले ही देश की नदियों के अस्तित्व के लिए संकट बन गया है। इस योजना से जहां नदियों को नया जीवन मिलेगा वहीं, देश में कम खर्चे में माल की ढुलाई और यातायात आसान हो जाएगा। इससे सड़कों पर बढ़ रहे दबाव से भी राहत मिलेगी।निश्चित रूप से, विकास का अर्थ शहर को कंक्रीट का जंगल बनाना नहीं, बल्कि बुनियादी सुविधाओं से समाज को विकास का अवसर प्रदान करना है। अब सवाल है कि क्या आपका शहर इस सोच का पालन कर रहा है और क्या सभी बुनियादी सुविधाएं, पूरी और सही हाल में आपको, आपके परिवार को उपलब्ध हैं ? ऐसे ही कुछ बुनियादी प्रश्न हैं, जिनके आधार पर आपको तय करना है कि आपका शहर विकास के इन मानकों पर कहाँ ठहरता है?1. अपने शहर में बिजली की आपूर्ति को आप कैसा मानते हैं?2. आप अपने शहर की सड़कों की स्थिति को कैसा मानते हैं?3. आप अपने शहर के लोगों की ट्रैफिक नियमों के पालन करने की प्रवृत्ति को कैसा मानते हैं?4. क्या आप मानते हैं कि आपके शहर में पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था है?5. आप अपने शहर की जल आपूर्ति व्यवस्था को कैसा मानते हैं?6. क्या आप मानते हैं कि आपके शहर में नालियों की पर्याप्त व्यवस्था है या कचरा प्रबंधन की उचित व्यवस्था है?7. आप अपने शहर के हरित क्षेत्र जैसे पार्क और खेलने के मैदान की उपलब्धता को कैसा मानते हैं?8. आप अपने शहर की वायु गुणवत्ता को कैसा मानते हैं?9. आप अपने शहर में फुटपाथ की स्थिति को कैसा मानते हैं?
10. अवैध अतिक्रमण की समस्या पर आपके शहर की स्थिति कैसी है?
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